भोपाल , 26 सितम्बर , 2023 /
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 23 मार्च 2020 को चौथी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभालते वक्त प्रदेश में चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ विद्यमान थीं। कोरोना संकट के साथ-साथ विषम आर्थिक परिस्थितियों के कारण हताशा, निराशा और अनिश्चितता का वातावरण था। मंत्रि-परिषद तथा अधिकारियों के सहयोग, कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छा-शक्ति व टीम भावना के परिणाम स्वरूप हमने परिस्थितियों पर नियंत्रण पाया और हमारा प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी और बीमारी (कोरोना) दोनों से मुक्त हुआ। यह गर्व और प्रसन्नता का विषय है कि विपरीत परिस्थितियों को भी वरदान में बदलने, विकास-जनकल्याण और सुराज की नई ऊंचाईयां छूने, नए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में पिछले साढ़े 3 साल में हमारी टीम ने असंभव को संभव कर दिखाया। इस उपलब्धि के लिए मंत्रि-परिषद तथा अधिकारी धन्यवाद और बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रि-परिषद तथा वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक को मंत्रालय में संबोधित कर रहे थे।
बेहतर सामन्जस्य और तड़प के साथ काम कर बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में दिन-रात अथक परिश्रम से परिस्थितियों पर नियंत्रण पाया गया। लगभग 500 दिनों में 374 से अधिक बैठकें कर जिलों की वास्तविक परिस्थितियों से रू-ब-रू होना, तत्काल कोविड केयर सेंटर आरंभ करना, ऑक्सीजन की व्यवस्था करना और जन-सामान्य में सकारात्मक और संघर्ष का भाव बनाए रखना चुनौतीपूर्ण था। कोरोना काल में प्रदेश में जन-भागीदारी से बनाई गई संरचनाओं ने देश में नजीर प्रस्तुत की। कारम डेम का संकट हो या अन्य कोई आपदा, हमारी टीम हर कसौटी पर खरी उतरी। प्रात: 6 बजे की बैठकें हों या अवकाश के दिनों में जिम्मेदारी संभालने का मौका हो, हमारे अधिकारी कभी भी काम से पीछे नहीं हटे। सब ने सामन्जस्य और तड़प के साथ काम किया और बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला। इस उपलब्धि के लिए मुख्य सचिव सहित अधिकारियों की पूरी टीम बधाई की पात्र है। हमने जो भी कार्य किए, जन-कल्याण का भाव हमारी हर गतिविधि के मूल में रहा। कम समय में लाड़ली बहना योजना का क्रियान्वयन हमारे तंत्र की सामर्थ्य और सक्षमता का सशक्त उदाहरण है। हमारी वर्तमान सरकार ने पौने चार साल में इतनी उपलब्धियां अर्जित की हैं कि उनके स्मरण मात्र से मन गर्व से भर जाता है।
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