महुआ से बनी चाय-कॉफी का स्वाद ऐसा कि बार-बार पीने का मन करे, सेहत के लिए भी फायदेमंद

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भोपाल, 14 सितम्बर , 2023 /
मध्यप्रदेश में महुआ और इससे बनने वाली शराब की खास पहचान है. लेकिन अब महुआ का सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि इसके अनूठे स्वाद की वजह से कई तरह के खाद्य पदार्थों में उपयोग हो रहा है. विटामिन सी की प्रचुरता और एंटीऑक्सीडेंस की वजह से यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है. इसे देखते हुए मध्यप्रदेश इससे नए-नए उत्पाद तैयार करने में लगा है मप्र लघु वनोपज संघ ने महुआ से चाय-कॉफी बनाई है. संघ के अफसरों ने बताया कि महुआ का टेस्ट विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. इसलिए, महुआ का च्यवनप्राश भी लोगों को पसंद आया. अब संघ ने चाय-कॉफी से लेकर कैंडी बार भी तैयार की है. टेस्टिंग के बाद इसे बाजार में उतारा जाएगा. वहीं, जंगलों में पाए जाने वाले अर्जुन पेड़ की छाल को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक ले जाने की तैयारी है. विदेशों में इसकी ब्रांडिंग की जाएगी. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने भी महुआ की शराब को हैरिटेज का दर्जा दिया है. इसके लिए नीति बनाई गई ताकि हैरिटेज शराब के जरिए ग्रामीण आय बढ़ाई जा सके मप्र लघु वनोपज संघ ने महुआ से चाय-कॉफी बनाई है. संघ के अफसरों ने बताया कि महुआ का टेस्ट विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. इसलिए, महुआ का च्यवनप्राश भी लोगों को पसंद आया. अब संघ ने चाय-कॉफी से लेकर कैंडी बार भी तैयार की है. टेस्टिंग के बाद इसे बाजार में उतारा जाएगा. वहीं, जंगलों में पाए जाने वाले अर्जुन पेड़ की छाल को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक ले जाने की तैयारी है. विदेशों में इसकी ब्रांडिंग की जाएगी. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने भी महुआ की शराब को हैरिटेज का दर्जा दिया है. इसके लिए नीति बनाई गई ताकि हैरिटेज शराब के जरिए ग्रामीण आय बढ़ाई जा सके
महुआ की सब्जी खाने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
महुआ के पेड़ में विटामिन सी भरपूर होता है, इसकी सब्जी खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. साथ ही शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है. महुआ का पेड़ हड्डियों को मजबूत बनाने में भी सहायक होता है. महुआ में कैल्शियम होता है, इसलिए महुआ के फल की सब्जी खाने से हड्डियां मजबूत बनती हैं.
महुआ कॉन्क्लेव के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
मप्र लुघ वनोपज संघ महुआ से नए उत्पाद तैयार कर महुआ कॉन्क्लेव का भी आयोजन करने जा रहा है. इसका मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. इसमें दिल्ली आइआइटी के विशेषज्ञों से लेकर महुआ से शराब बनाने वाले गोवा के पहले स्टार्टअप को बुलाया गया है. दवाई बनाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है |


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