गुजरात की इस सीट पर नाराज हुए ग्रामीण, चुनाव बहिष्कार का ऐलान; समझें पूरा मामला

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आहमदाबाद,14 नवम्बर 2022\ गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी कमर कस चुके हैं। भाजपा, कांग्रेस और आप समेत अन्य पार्टियों के नेता मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने में जुटे हुए हैं। इस बीच नवसारी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 18 गांवों के लोग इस चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। इन लोगों ने सत्ताधारी बीजेपी समेत अन्य दलों के नेताओं के गांव में आकर चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि अंचेली रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों को रोकने की उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं की गई है।

अंचेली रेलवे स्टेशन के पास और गांवों के इलाकों में चुनाव के बहिष्कार को लेकर बैनर लगाए गए हैं। इन पर लिखा है, ‘ट्रेन नहीं तो वोट नहीं। बीजेपी या अन्य राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए नहीं आने देंगे। हम सब चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं।’ हितेश नायक नाम के स्थानीय शख्स ने कहा, ‘कोरोना से पहले ट्रेनें यहां रुका करती थीं, लेकिन अब नहीं रुकती हैं। इससे हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोग घर तक पहुंचने के लिए निजी वाहन लेने को मजबूर हैं, जिससे हर दिन एक व्यक्ति का करीब 300 रुपये खर्च होता है।’

साल 1966 से ही यहां रुकती थीं ट्रेनें
प्राची पटेल कॉलेज स्टूडेंट हैं। वह कहती हैं कि ट्रेनों के यहां न रुकने से उन्हें पढ़ाई में दिक्कतें पेश आती हैं। हर दिन सुबह में उनका एक लेक्चर छूट जाता है। वहीं, जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी (ZRUCC) के सदस्य छोटूभाई पाटिल ने कहा कि इस मामले पर कोई भी संबंधित व्यक्ति बयान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘एक लोकल पैसेंजर ट्रेन यहां साल 1966 से ही रुका करती थी, जो कोरोना के समय बंद कर दी गई। जब कोविड-19 पाबंदियां हटीं तो पैसेंजर ट्रेन ने यहां रुकना बंद कर दिया। इससे यहां के आसपास के करीब 19 गावों के लोग प्रभावित हैं।’

‘बिना किसी वोट के ही EVM को वापस भेजने का फैसला’
छोटूभाई पाटिल ने कहा कि गांव के लोगों ने EVM को बिना किसी वोट के ही वापस भेजने का फैसला किया है। हम लोगों में से कोई भी व्यक्ति मतदान करने नहीं जाएगा। मालूम हो कि गुजरात में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो चरण में मतदान होना है। मतगणना 8 दिसंबर को होगी। राज्य में भाजपा बीते 27 सालों से सत्ता में है। इस बार कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी भी सत्ताधारी दल को चुनौती दे रही है।


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