आयातित दागी और प्रायोजित प्रत्याशियों के खिलाफ भाजपा में मचा है संग्राम

0

रायपुर/07 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्ष प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के अधिनायकवादी प्रवृत्ति से छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता और कार्यकर्ता आक्रोशित है। मोदी शाह एंड कंपनी के कारपोरेट कल्चर में छत्तीसगढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी को ठेके पर चलने के कुत्सित प्रयास के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता आक्रोशित हैं। राजिम में हाल ही में दूसरी पार्टी से आए नेता को प्रत्याशी बनाए जाने के खिलाफ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के सामने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का प्रदर्शन भाजपा के भीतर के असंतोष को प्रमाणित करता है। लगभग यही स्थिति भाजपा के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ़ डोंडी लोहार, सिहावा,  सरायपाली, केशकाल सहित सभी विधानसभा में है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रत्याशी चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सारे वायदे और दावे झूठे साबित हुए हैं। ना  भ्रष्टाचारी से परहेज है ना दूसरे दलों से हाल ही में आए लोगों से। राजिम, डौंडी लोहारा में हाल ही में पार्टी में शामिल लोगों को प्रत्याशी बनाएं गए, प्रियदर्शनी सहकारी बैंक घोटाले के आरोपी रामविचार नेताम भी टिकट पा गए। परिवारवाद भी केवल जुमला है, भाजपा के सिलेक्टिव पॉलिटिक्स का नमूना है, रमन सिंह के भांजे और जांगड़े की पुत्री को टिकट दिया जाना यह प्रमाणित करता है कि भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। भाजपा का असल चरित्र स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं के हक का गला घोटना है, जो टिकट वितरण में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा में भगदड़ और बगावत की स्थिति दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिन्हें प्रत्याशी बनाया गया है वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। उनको लगता है की बलि का बकरा बना दिया गया है। हार की गारंटी वाले सीटों में तीन महीना पहले प्रत्याशी घोषित कर उनकी राजनीतिक हत्या करना दी गई है। नौकरशाहों को स्थिपा दिलवाकर प्रत्याशी घोषित किए जा रहे हैं, दूसरे दलों के हाल ही में आए लोगों को प्रत्याशी बनाए जाने से भारतीय जनता पार्टी के दूसरे और तीसरे क्रम के नेता अपने साथ अन्याय और अपनी उपेक्षा होने का हवाला देकर बगावत पर उतर आए हैं। ठेके पर पार्टी चलाने की प्रवृत्ति से भाजपा के कार्यकर्ता हताशा और निराशा में कुंठित हैं। केंद्रीय मंत्रियों और बाहर के विधायकों के हाथ में छत्तीसगढ़ की चुनावी जिम्मेदारी को पूरी तरह से सौंप दिया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को छत्तीसगढ़ के स्थानी नेता और कार्यकर्ताओं से परहेज है। अब तो बूथ और पन्ना प्रभारियों की मीटिंग भी भाजपा के बाहरी नेता ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी चुनावी मुकाबले में कांग्रेस के समक्ष कहीं पर भी नहीं है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *