‘भारत जोड़ो यात्रा’ राहुल को गंभीर राजनेता के रूप में करेगी स्थापित, लेकिन एक लक्ष्य गायब : विश्लेषक
नई दिल्ली,13 नवम्बर 2022\ राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, दक्षिण भारत से गुजर रही भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक गंभीर राजनेता के रूप में स्थापित करेगी और उन्हें अपने दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक नई ऊंचाई प्रदान कर सकती है। हालांकि, पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस देशव्यापी यात्रा के दौरान राहुल को विशिष्ट मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था, ताकि यात्रा के जरिए एक स्थायी प्रभाव छोड़ा जा सके।
गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ महाराष्ट्र में अपने छठे दिन शनिवार सुबह हिंगोली जिले के शेवला गांव से शुरू हुई। यात्रा रविवार को 67वें दिन में प्रवेश कर गई और अब तक यह छह राज्यों के 28 जिलों से होकर गुजर चुकी है। लगभग 150 दिन की इस यात्रा के दौरान 3,570 किमी की दूरी तय की जाएगी। जम्मू कश्मीर में यात्रा समाप्त होने से पहले यह 12 राज्यों से होकर गुजरेगी।
इस जनसंपर्क कार्यक्रम का घोषित लक्ष्य कांग्रेस पार्टी संगठन को पुनर्जीवित करना और पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकना है।
हालांकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, जो राज्य में यात्रा की तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं, ने कहा है कि यात्रा का मार्ग पार्टी की ताकत या कमजोरी के आधार पर तय नहीं किया गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि यह आयोजन देश की राजनीति के लिए दीर्घकालिक प्रभाव वाला होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने PTI से कहा, “यात्रा का भारतीय राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना में एक गैर-गंभीर राजनेता के रूप में चित्रित करने के लिए आरएसएस/भाजपा के सुनियोजित अभियान को प्रभावी रूप से नुकसान पहुंचाएगी।”
भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी और पूर्व ओलंपियन ने कहा कि यह यात्रा भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (बीजेपी-आरएसएस) गठबंधन द्वारा खेली जा रही “विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति” के खिलाफ कांग्रेस की बड़ी मुहिम है।
खान ने कहा कि गांधी (52) ने कांग्रेस नेताओं के अत्यधिक दबाव के बावजूद पार्टी अध्यक्ष के सर्व शक्तिशाली पद से गांधी परिवार को दूर रखने की अपनी बात पर अडिग रहकर खुद को एक ”गंभीर राजनेता” साबित किया है। पूर्व ओलंपियन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित किया गया था, और राहुल गांधी ने अब यह साबित कर दिया है कि वह भारतीय राजनीति में एक लंबी पारी के साथ एक गंभीर राजनेता हैं।
हालांकि, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर ने तर्क दिया कि राष्ट्रव्यापी पैदल मार्च, जो लगभग 150 दिनों तक चलेगा और जनवरी में श्रीनगर में समाप्त होगा, उस तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है जिसकी उम्मीद की जा रही थी। उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा किसी विशेष मुद्दे पर केंद्रित नहीं है इसलिए, यह उस तरह की प्रतिक्रिया उत्पन्न नहीं कर रहा है जो अतीत में इस तरह के मार्चों में हुई थी।”