हिमाचल का प्रचार में सुधार की गुंजाइश, कांग्रेस शुरू कर रही 2024 चुनाव का मंथन
नई दिल्ली,12 नवम्बर 2022\ नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गठित टास्कफोर्स पहली बार बैठक करने जा रही है। खबर है कि मंथन के लिए कांग्रेस के दिग्गज सोमवार को जुटेंगे। इधर, हिमाचल प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा प्रचार पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रचार ‘और बेहतर हो सकता था।’ हिमाचल में मतदान जारी है। 8 दिसंबर को मतगणना होगी।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रणनीति समूह के सदस्य खड़गे को टास्क फोर्स के का और 2024 के लिए योजनाओं की भी जानकारी देंगे। टास्क फोर्स में पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका गांधी वाड्रा और सुनील कानूगोलू शामिल हैं।
हिमाचल में प्रचार से खुश नहीं हैं दिग्गज
गुरुवार को शर्मा ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं की तैनाती के जरिए प्रचार की योजना बेहतर तैयार हो सकती थी। साथ ही उनका यह भी कहना है कि उनकी सेवाओं का ठीक से इस्तेमाल नहीं हुआ। हालांकि, शर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्साह से भरा अभियान चलाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां भी उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के हिसाब से प्रचार किया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके प्रचार की कोई योजना नहीं थी। शर्मा (69) ने कहा, ‘हमारी स्थिति 2017 से बेहतर है क्योंकि हम विशेष महत्व वाले मुद्दों को लेकर जनता तक गये हैं, जिनमें बेरोजगारी, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना या अग्निपथ भर्ती योजना शामिल हैं।’
हिमाचल में राहुल गांधी के कोई जनसभा नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि राहुल का ध्यान यात्रा पर है और जाहिर है कि प्रियंका गांधी के मुख्य प्रचारकर्ता होने का फैसला सोच-समझकर लिया गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, यह उनका (राहुल का) फैसला था और वह भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘प्रियंका गांधी ने जोरदार अभियान चलाया। लेकिन शायद हम उपलब्ध वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इस प्रचार अभियान को बेहतर बना सकते थे।’
अगस्त में राज्य में पार्टी की संचालन समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा देकर शर्मा ने क्या किसी तरह की नाखुशी जताई थी। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हां, मैं (नाखुश) था क्योंकि मैं संचालन समिति का अध्यक्ष था, लेकिन सलाह-मशविरे में मुझे शामिल नहीं किया गया, मुझे किसी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया और पार्टी के प्रचार की रणनीतिक योजना बनाने में भी मुझे नहीं जोड़ा गया। मुझसे सलाह नहीं ली गई, तब भी मैंने प्रचार किया।’