भीमा कोरेगांव केस: गोतम नवलखा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जेल से निकलघर घर में रहेंगे नजरबंद


नई दिल्ली,10 नवम्बर 2022\ सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को अगले एक महीने के लिए घर में नजरबंद करने के अनुरोध को मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनकी मेडिकल रिपोर्ट को खारिज करने की कोई वजह नहीं है और घर में नजर बंद करने के आदेस को 48 घंटे के भीतर अमल में लाया जाए।

जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि घर में नजरबंद करने के आदेश को 48 घंटे के भीतर अमल में लाया जाए। पीठ ने नवलखा को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को 2.4 लाख रुपए जमा कराने का भी निर्देश दिया। एनआईए ने पुलिस कर्मी उपलब्ध कराने के लिए यह खर्च आने का दावा किया था।

नजरबंद रहने के दौरान नहीं मिलेंगी कई सुविधाएं

कोर्ट ने यह भी कहा कि नवलखा को एक महीने के लिए घर में नजरबंद करने के दौरान कम्प्यूटर तथा इंटरनेट इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, उन्हें पुलिस की मौजूदगी में दिन एक बार 10 मिनट के लिए पुलिस की ओर से उपलब्ध कराए गए बिना इंटरनेट वाले मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति होगी। नवलखा (70) एल्गार-परिषद माओवादी संबंध मामले में जेल में बंद हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नवलखा को मुंबई छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी और वह किसी भी तरह से अपनी नजरबंदी के दौरान गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे। घर में नजरबंद होने के दौरान गौतम को टेलीविजन और समाचार पत्रों की अनुमति दी जाएगी।

कोर्ट की हिदायत लापरवारी बर्दाश्त नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने नजरबंद के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता और उनके साथी से सभी शर्तों की ईमानदारी से पालन करने की अपेक्षा की जाती है। किसी भी तरह की गड़बड़ी को गंभीरता से लिया जाएगा और आदेश को तत्काल रद्द किया जा सकता है।


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