कोसरिया मरार-पटेल समाज छत्तीसगढ़ का मेहनतकश  समाज: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 


रायपुर 18 जून 2023
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है छत्तीसगढ़ का कोसरिया मरार.पटेल समाज एक मेहनतकश समाज है। जिसमें महिलाएं भी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी बाड़ी में दिन.रात परिश्रम करती हैं। समाज में समानता का भाव हैए पुरूषों के साथ महिलाओं को भी समानता का दर्जा है। यह समाज के प्रगतिशील होने की निशानी है। उन्होंने कहा कि आज किसी भी समाज की प्रगति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।  इस समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को समाज के हित मेंए रोजगार के क्षेत्र मेंए शिक्षा के क्षेत्र मेंए स्वास्थ्य के क्षेत्र मेंए समाज सुधार के क्षेत्र में काम करने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में पसरा टैक्स खत्म कर दिया गया है। पसरा टैक्स की वसूली करने वालों पर शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री  बघेल आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित  दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ कोसरिया मरार पटेल समाज द्वारा आयोजित समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।  उन्होंने समारोह में समाज के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को सामाजिक नीतियोंए जिम्मेदारियों के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए शपथ दिलाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कोसरिया मरार पटेल समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री राजेन्द्र नायक पटेल ने की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगनए शाकम्भरी बोर्ड के सदस्य श्री पवन पटेलए छत्तीसगढ़ कोसरिया मरार पटेल समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री सुनील पटेल  सहित श्री राजेन्द्र प्रसाद पटेलए श्री विद्याभूषण शुक्ल एवं समाज के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समारोह में सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज इस शपथ ग्रहण समारोह में 105 लोगों की बहुत बड़ी कार्यकारिणी ने शपथ ली। आप सभी को बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कहा कि आप सभी उन महापुरुषों के वंशज हैंए जिन्होंने पूरे देश में समाज सुधार का काम कियाए जैसे ज्योतिबा फुलेए जिन्होंने अपनी पत्नी को पूरे देश में पहली शिक्षिका बनाया। मुझे इस बात पर गर्व है कि मुझे ज्योतिबा फुले सम्मान भी प्राप्त हुआ है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं वहां गया था। मैंने उस मकान को देखाए जहां समाज से परित्यक्त लोगों को चाहे वह किसी भी समाज के होंए जिन्हें घर से निकाल दिया गयाए उनको आश्रय दिया गया थाए जहां निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का काम किया जाता था। उस बावली उस कुएं को भी देखा जहां सभी समाज के लोगों को पानी पीने की अनुमति थी। उन्होंने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज हमारे छत्तीसगढ़ में पटेल समाज एक मेहनतकश समाज है और मैं यह कह सकता हूं कि हमारे समाज में पुरुष कमाकर स्त्री को सौंपता है। परंतु मरार समाज में इसके उलट स्त्रियां मेहनत कर पुरुष को आय प्रदान करती हैं। ऐसी सभी मातृशक्तियों को जो आज यहां बैठी हैं मैं प्रणाम करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत से अन्य समाजों में पर्दा जैसी कुरीतियां प्रचलित हैए महिलाओं को बाहर काम करने की मनाही है लेकिन मरार समाज में बाड़ी में पटेल रहट ;टेड़ाद्ध से पानी निकालते थे और महिलाएं बाड़ी का काम संभालती थीं। यह दिन.रात मेहनत करने वाला समाज है। सूर्योदय के पहले से लेकर सूर्यास्त के बाद तक दिन रात मेहनत करने वाला समाज। मेहनत के साथ.साथ शिक्षा भी हमारे समाज में होना चाहिएए समानता का भाव तो समाज में हैए समाज की प्रगति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी हैए शिक्षा के बिना कोई समाज आगे नहीं बढता है।

मुख्यमंत्री ने समाज द्वारा रायपुर में सामाजिक भवन की मांग के संबंध में कहा कि भेंट.मुलाकात के दौरान हर विधानसभा में जिन समाजों को भवन की आवश्यकता थीए उन्हें भवन के लिए आर्थिक मदद दी। जिन्हें जमीन की आवश्यकता थीए उन्हें जमीन भी उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए। छत्तीसगढ़ के लोग ऋषि परंपरा का पालन करते हैं। प्रकृति से उतना ही लेना हैए जितना हमें आवश्यकता है। धन संचय करने की हमारी प्रवृत्ति ही नहीं हैए इसीलिए हमारे छत्तीसगढ़िया समाज के लोगों के पास पैसा नहीं होता। पहले वैवाहिक कार्यक्रम या अन्य सभी सामाजिक कार्यक्रम घरों में ही संपन्न हुआ करते थे।  अब प्रायः सभी कार्यक्रमों के लिए भवन किराये में लिए जाते हैंए ऐसे समय में सभी समाजों को भवन की आवश्यकता है। भवन के लिए सभी समाजों को मदद दी गई। ताकि भवन की अनुपलब्धता के कारण किसी भी समाज को कोई भी कार्यक्रम करने के लिए किसी कठिनाई का सामना ना करना पड़े।

पिछड़ा वर्ग के बालक.बालिकाओं के लिए छात्रावास का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में हमने सभी संभागीय मुख्यालयों में पिछड़ा वर्ग के बालक एवं बालिकाओं के लिए 100.100 सीटर छात्रावास का प्रावधान किया है ताकि हमारे बच्चे जो रायपुरए बिलासपुर आना चाहते हैं और पढ़ाई करना चाहते हैं उनको असुविधा न हो। अब जहां पर मैं जाता हूं वहां लोग सब्जी मंडी की मांग करने लगे हैं जशपुर गया वहां भी लोगों ने सब्जी मंडी की मांग की। बस्तर अब सब्जी के मामले में बड़ा बाजार बनकर उभर रहा है चाहे वहां पपीता होए मिर्ची हो सभी का उत्पादन होने लगा है। छत्तीसगढ़ में कोल्ड चैन बनना चाहिए। इस दिशा में हमको काम करना है ताकि हमारी सब्जियां जल्दी खराब न हो और उत्पादकों को ज्यादा कीमत मिले। पिछले बार मरार समाज के सामाजिक सम्मेलन में समाज की मांग पर मैंने शाकंभरी जयंती की छुट्टी की घोषणा भी की है ।


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