रायपुर 3 मई 2023/
भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दी गई है। सहकारिता के माध्यम से अगले पांच वर्षों में 2150लाख मैट्रिक टन अन्न भंडारण क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक देश में कुल 1450लाख टन अन्न भंडारण की क्षमता है। किंतु अब सहकारिता के क्षेत्र में सात सौ लाख मैट्रिक टन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने पर काम शुरू हो जाएगा। इस पर लगभग एक लाख करोड रुपए खर्च होंगे। सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने बताया कि मौजूदा योजना काफी लाभकारी है ।यह न केवल पैक्स के स्तर पर गोदामों के निर्माण द्वारा देश में भंडारण के आधारभूत संरचना के कमियों को दूर करेगी बल्कि पैक्स को कई अन्य गतिविधियां संचालित करने में सक्षम बनाएगी। श्री द्विवेदी ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी की अध्यक्षता में अंतर मंत्रालयीन समिति (आई एम सी) के गठन किए जाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें कृषि और किसान कल्याण मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे ।यह योजना न केवल पैक्स के स्तर पर गोदामों के निर्माण द्वारा देश में भंडारण के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर करेगी बल्कि पैक्स को कई अन्य गतिविधियां करने के लिए सक्षम बनाएगी। जैसे भारतीय खाद्य निगम के लिए प्रोक्योरमेंट सेंटर के रूप में कार्य करना , कॉमन प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करना जिसमें कृषि उपजों की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग इकाई आदि शामिल है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बनने से खाद्यान्न की बर्बादी कम होगी और देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी ।स्थानीय स्तर पर भंडारण क्षमता बनने से किसानों को विभिन्न विकल्प प्रदान करके फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री पर रोक लगेगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। जिससे किसानों के आय में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सहकारी समितियों की ताकत को उन्हें सफल और जीवंत संस्थान बनाने में उपयोग करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया है ।जिससे सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को साकार किया जा सके ।इस परिकल्पना को साकार करने में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना लाया है। इस योजना में पैक्स के स्तर पर भंडारगृह , प्रसंस्करण इकाई, कृषि यंत्रों को किराए पर दिए जाने वाले सेंटर (कस्टम हायरिंग सेंटर), आदि कई तरह की कृषि अधोसंरचनाएं स्थापित करना शामिल है। जिससे पैक्स को बहुउद्देशीय बनाया जा सके। पैक्स स्तर पर गोडाउन के निर्माण और पर्याप्त भंडारण क्षमता निर्माण से खाद्यान्नों की बर्बादी में कमी आएगी। देश की खाद्य सुरक्षा सशक्त और किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा। श्री द्विवेदी ने बताया कि देश में लगभग एक लाख से ज्यादा सक्रिय पैक्स हैं जिनके 13 करोड़ से भी ज्यादा किसान सदस्य हैं। भारतीय अर्थ व्यवस्था कृषि और ग्रामीण परिदृश्य को बदलने और जमीनी स्तर पर लाभ लेने के लिए पैक्स के स्तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता के साथ-साथ अन्य कृषि अधोसंरचना निर्माण के लिए यह पहल की गई है जिससे न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुदृढ़ होगी बल्कि सहकारी समितियां भी एक जीवंत आर्थिक संस्था के रूप में काम कर सकेगी ।केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स को भी पेट्रोल/डीजल पंप खोलने की मंजूरी दी गई है साथ ही एलपीजी रसोई गैस की डिस्ट्रीब्यूटरशिप भी पैक्स को मिलेगी। जेम पोर्टल पर सहकारी समितियों को खरीददार के रुप में शामिल किया गया है। इस तरह 25 से अधिक अन्य गतिविधियों के माध्यम से देश के 13 करोड़ से अधिक किसानों की आय बढ़ाने में पैक्स सहायक सिद्ध होंगे। पैक्स को सशक्त बनाने के लिए सहकारिता के माध्यम से विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दिए जाने पर प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवम् केंद्रीय गृह एवम् सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी को सहकारिता प्रकोष्ठ की ओर से धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त करता हूं।
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