रायपुर, 12 मई 2023/
अभी तक हमारी ओर से ई.डी. के भाजपा एजेन्ट के रूप में कार्य करने का जो आरोप लगाया जा रहा था, अब वह प्रमाणित हो चुका है। ई.डी. अधिकारी मेरी छवि खराब करने के लिए किस कदर आमादा है, वह इससे पता लगता है कि “कथित आबकारी घोटाले“ मे मेरा नाम झूठा फंसाने के लिए किसी व्यक्ति को इतना प्रताड़ित किया गया है कि उसे न्यायालय के समक्ष यह कहना पड़ा कि वह आत्महत्या कर लेगा । ई.डी. द्वारा प्रकरण के झूटी एवं षडयंत्र पूर्व विवेचना पूरी तरह प्रमाणित हो गई है तथा भाजपा नेता एवं ई.डी. अधिकारी पूरी तरह से बेनकाब हो चुके है ।
ई.डी. द्वारा उनके “मीडिया ट्रायल“ के षडयंत्र अंतर्गत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह तथ्य सार्वजनिक किया गया है कि राज्य के डिस्टलरो द्वारा स्वीकार किया गया है कि बड़ी मात्रा में बिना एक्साइज ड्यूटी पटाये शराब का विक्रय किया गया है। यदि यह मान भी लिया जाय कि ई.डी. का आरोप सही है तो सर्वप्रथम डिस्टलरों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं करने से प्रथम दृष्टया ही यह समझ में आता है कि दाल में कुछ काला जरूर है और यह भी लगता है कि ई.डी. अधिकारियों की डिस्टलरों से सेटिंग हो गई है। ई.डी. के प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर ए.सी.बी. से जांच अवश्य करायी जायेगी ।
विधि विशेषज्ञों द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार एक्सटोर्शन एवं भ्रष्टाचार जैसे शेड्यूल आफेन्स की जांच ई.डी. के क्षेत्राधिकार में नहीं है। पी.एम.एल.ए. अंतर्गत ई.डी. का कार्य किसी अपराध की कमाई से जप्त सम्पत्ति की जांच करना उसे राजसात करना, दोषियों को सजा दिलाना है। हमारे राज्य में तो ई.डी. अधिकारियों द्वारा पुलिस की तरह मूल अपराध की विवेचना की जा रही है। ई.डी. का यह कार्य संघीय ढांचे के मूल भावना के विरूद्ध है तथा अवैधानिक है।
ई.डी. अधिकारियों द्वारा की जा रही समस्त अवैधानिक कार्यवाहियों के विरूद्ध विधि-वेत्ताओं से परामर्श कर शीघ्र समुचित कार्यवाही की जायेगी।
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