कांकेर के घने जंगल में फिर देखा गया हनी बेजर

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रायपुर 3 अप्रैल 2023/

ये सुरंग बनाने में माहिर सर्वभक्षी और शेर से भी लड़ने में सक्षम होते है इसके अलावा भी अन्य जंगली जानवरों से लडने में पूरी तरह सक्षम होते है इसी कारण गिनीज #बुक #ऑफ #वर्ल्ड #रिकॉर्ड में ‘मोस्ट फियरलेस क्रीचर’ के नाम से यह दर्ज है. यह जीव बेहद खूंखार, निडर, बुद्धिमान और चालाक माना जाता है. मधुमक्खी के छत्ते और उन्हे खाने के कारण इसका नाम  हनी बेजर पड़ा यह इनका प्रिय भोजन भी होता है किन्तु इसके अलावा भी ये जंगल में घूम घूम कर भोजन ग्रहण करते है अपने बिल में भोजन संग्रहण नहीं करते ।

ज्ञात हो इससे पहले अगस्त माह विगत वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में ही एक दुर्लभ प्रजाति का जीव मिला था जिसे शुरू में पहचान नहीं हो पाई थी . दुधवा वन परिक्षेत्र के जंगलों में अनोखे जानवर जो काफी छोटा था को देखकर ग्रामीण भी हैरान रह गए थे. सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने दुर्लभ जीव को अपने संरक्षण में ले लिया था फिर बाद में घने जंगल में छोड़ दिया था ।( नीचे तस्वीर में क्रमशः दूसरी तस्वीर तब की है ) तब हनी बेजर का कुछ माह का बच्चा ही ग्रामीण को मिला था तब अनुमान लगाया गया था कि इस क्षेत्र में इस बच्चे के अलावा इनकी और भी नर मादा की संख्या हो सकती है।

 

हनी बेजर के नाम से कई उत्पाद भी बेचे जाते है कई ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर में इसके नाम से उत्पाद बेचे जा रहे … कॉस्मेटिक उत्पादों के अलावा इसका अन्य उत्पाद भी उपयोग होता है उत्पाद विदेशो में बहुत ही महंगी कीमत पर बिकती है क्यों कि एक तो यह दुर्लभ जीव है आसानी से दिखता नहीं और जहां कहीं है भी तो वहां इसकी संख्या बहुत कम है । ज्ञात हो इसके अलावा सिवेट कैट के मल से भी महंगी कॉफी बनती है जिसके बारे में आप जानते ही होंगे सिवेट कैट को कस्तूरी बिलाव भी कहा जाता है। सिवेट कैट की संख्या भी अब कम होती जा रही ।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में इसका मिलना अपने आप में काफी खास है क्यों कि यह दुर्लभ जीव छत्तीसगढ़ का मूल निवासी नहीं है ।


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