शरीर का वजन अधिक होना है मधुमेह का प्रमुख कारण


जगदलपुर,6 नवम्बर 2022। जीवन शैली में बदलाव व उचित आहार व्यवहार में कमी, मधुमेह अर्थात डायबिटीज की बीमारी बढ़ा सकती है। मधुमेह मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है। जिसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। इससे मरीज को बार-बार प्यास लगना, भूख ज्यादा महसूस होना और बार-बार पेशाब लगने की शिकायत होती है।

सीएमएचओ डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया: ” शरीर का वजन अधिक होना मधुमेह होने का प्रमुख कारण है। कई बार हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी कारण होता है। समान्यतः अधिक उम्र, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को मधुमेह रोगी होने की संभावना अधिक होती है। मधुमेह के दौरान खून में शूगर की मात्रा को नियंत्रित न किया जाए तो शरीर के कई अंगों को हानि हो सकती है। लंबे समय तक अनियंत्रित मधुमेह से आंखों, गुर्दों, हृदय नलिकाओं और तंत्रिकाओं को नुक्सान हो सकता है। मधुमेह के कारण आंखों की रक्त धमनियां कमजोर पड़ जाती हैं या उनमें रुकावट आ जाती है, जिससे देखने की क्षमता कम हो जाती है।”
उन्होंने आगे बताया: “मधुमेह मरीजों की बढ़ती संख्या पर रोकथाम के लिए 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर जिले के शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क मधुमेह जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें मधुमेह रोग संबंधी जांच की जाएगी। इस दौरान मधुमेह नियंत्रण संबंधी सभी उपायों पर जागरूकता लाने का प्रयास किया जाएगा। संतुलित पोषक युक्त आहार के सेवन तथा शारीरिक सक्रियता से मधुमेह रोग से आसानी से बचा जा सकता है। नियमित व्यायाम रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे वजन कंट्रोल में रहता है।

मधुमेह रोकथाम के विशिष्ट उपाय
मधुमेह रोकथाम के विशिष्ट उपायों को अपनाने के लिए रक्तचाप या ब्लड प्रेशर को स्थिर बनाए रखना जरूरी होता है, साथ ही नियमित अंतराल पर रक्त शर्करा या खून में मधुमेह के स्तर मापन होते रहना चाहिए और इसे सामान्य स्तर पर रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए एवं सिगरेट, तम्बाकू, शराब या अन्य किसी भी तरह के मादक पदार्थों का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।

तीन प्रकार की होती है मधुमेह
टाइप 1 : इस प्रकार की शूगर की शुरूआत बच्चों के शरीर में पैंक्रियास द्वारा इन्सुलिन का पूर्ण निर्माण न हो पाने की वजह से होती है। इस प्रकार की शूगर में मरीज का इलाज खाने की गोलियों से संभव नहीं होता। उसे अपनी बीमारी को नियंत्रण में रखने व जीवित रहने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है।
टाइप 2 : इसे व्यस्क या बड़े लोगों वाली शूगर भी कहते हैं। टाइप-2 मधुमेह अधिकांश 40 वर्ष या उससे अधिक की आयु के लोगों में होती है और यह जल्दी भी हो सकती है।
टाइप 3 : गर्भावस्था में महिलाओं को होने वाली शूगर है। यदि मधुमेह पीड़ित महिलाओं की ध्यानपूर्वक देखभाल न की जाए तो जटिलताओं का खतरा रहता है। प्रसव के पश्चात मधुमेह स्वयं ही सामान्य हो जाती है।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *