दंतेवाड़ा में विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ

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दंतेवाड़ा।

छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने हेतु एक ऐतिहासिक कदम के रूप में ’’विकसित कृषि संकल्प अभियान’’ का शुभारंभ दंतेवाड़ा जिले से हुआ। यह पहल कृषि क्षेत्र में नवाचार और वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ावा देने के साथ किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़ाकर आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में एक निर्णायक प्रयास है।

इस अभियान के तहत आज कलेक्ट्रेट परिसर से रथ को विधायक  चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित कलेक्टर कुणाल दुदावत द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस कार्यक्रम में विधायक अटामी ने कहा कि ’’विकसित कृषि संकल्प अभियान’’ कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का केंद्र और राज्य शासन का संयुक्त प्रयास है। विकसित कृषि संकल्प रथ जिले के गांव-गांव पहुंकर कृषि विभाग सहित उद्यान, मछली पालन एवं पशुपालन विभागों की उन्नत कृषि उन्मूखी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को जानकारी देने के साथ-साथ उनसे लाभान्वित होने के लिए प्रेरित करेगा। इसके साथ ही चयनित ग्रामों में शिविर का आयोजन कर ग्रामीणों को कृषि संबंधी आधुनिक उपकरण प्रदाय किए जाएगें। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि जिले में इस अभियान की शुरुआत से ग्रामीण जन निश्चित रूप से इसका लाभ उठाकर जिले को कृषि खेती के पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़ाकर वैज्ञानिक आधुनिक एवं नवाचार आधारित कृषि जिला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगें।

मौके पर कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा कि आज दंतेवाड़ा जिले अंतर्गत शासन के निर्देशानुसार ’‘’विकसित कृषि संकल्प‘’ अभियान के तहत 3 रथ को रवाना किया गया और इसमें उसी प्रकार के पशुपालन विभाग के मोबाइल यूनिट वेन भी शामिल है। ये सभी रथ 78 ग्राम पंचायतों में जाएंगे और कृषि, उद्यान, मछली पालन एवं पशुपालन विभागों की जो शासन द्वारा चलाई योजनाओं के बारे में ग्रामीण को जन जागरूक करेंगी। इसके साथ ही वर्तमान में खरीफ का सीजन को देखते हुए उन्नत तकनीकी से कृषि के क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा देना। शासन की प्राथमिकता वाली योजना जैसे मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं अन्य कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को देना इसका प्रमुख उद्देश्य है। हमारा प्रयास रहेगा कि आधुनिक एवं उत्तम तकनीकी कृषि में जिला अग्रणी बने।
ज्ञात हो कि अभियान के तहत जिले में तीन रथों को तैयार किया गया है, जो 15 दिनों के भीतर 78 पंचायतों तक पहुंचेंगे। प्रतिदिन प्रत्येक रथ दो-दो ग्राम पंचायतों में जाकर छह पंचायतों को कवर करेगा। इन शिविरों में किसानों को विभागीय योजनाओं, नवीनतम तकनीकों एवं कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान से अवगत कराया जाएगा। इस अभियान में कृषि विभाग, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, कृषि विज्ञान केंद्र, एवं स्थानीय किसान उत्पादक संगठन के जैविक कार्यकर्ता प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही विशेषज्ञ वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षित कर्मी किसानों को उनकी कृषि समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान प्रदान करेंगे। आधुनिक एवं नवाचार आधारित खेती से कृषकों को अधिक से अधिक जोड़ना, कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में किसानों को सक्षम बनाना, जैविक खेती को प्रोत्साहन एवं मृदा परीक्षण के माध्यम से उपजाऊ भूमि संरक्षण, किसानों की आमदनी में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लक्षित बिंदुओं पर आधारित इस अभियान के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कर ग्राम पंचायत स्तर पर वैज्ञानिक खेती, ड्रिप सिंचाई, वर्मी कंपोस्ट, फसल विविधीकरण, मिश्रित खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि विषयों पर प्रशिक्षण। डेमो प्लॉट (प्रदर्शन खेत) ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार किए गए मॉडल प्लॉट्स में किसानों को नई तकनीकों का सीधा अनुभव लेने का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा डिजिटल सलाह एवं संपर्क मोबाइल ऐप्स और टोल फ्री नंबर के माध्यम से किसानों को निरंतर तकनीकी सलाह एवं मार्गदर्शन प्राप्त होगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण मृदा परीक्षण के आधार पर जैविक खाद व उर्वरकों की सलाह एवं जागरूकता। सरकारी प्रोत्साहन योजनाएं प्रमाणित बीज, उन्नत कृषि यंत्रों एवं जैविक उत्पादों पर अनुदान व सब्सिडी इस अभियान के तहत दिए जाएगें। इस मौके पर उप संचालक सूरज पंसारी, उप संचालक श्यामा मालवीय सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।


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