भारत के मुख्य न्यायाधीश की यात्रा के दौरान अधिकारियों ने तोड़ा प्रोटोकॉल, कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार

0

नई दिल्ली।

सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई के प्रोटोकॉल के उल्लंघन की जांच की मांग वाली याचिका 7 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ खारिज कर दी है. सीजेआई ने कहा कि याचिकाकर्ता वकील 7 साल से प्रैक्टिस कर रहा है, लिहाजा उस पर 7 हजार रुपए दंड लगाया जा रहा है. सीजेआई ने खुद इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले को अब समाप्त किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई के महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकाल का पालन न करने के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस बीआर गवई ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा कि यह याचिका पब्लिसिटी हासिल करने और अखबार में अपना नाम लिखवाने के लिए दायर की गई है. अगर आप वकील हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि ख़ुद हमने बयान जारी कर कहा था कि इस अदना से मामले को और तूल नहीं देना चाहिए।

CJI ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि चीफ जस्टिस को एक व्यक्ति के रूप में उनके साथ किए गए व्यवहार की चिंता नहीं थी, बल्कि लोकतंत्र के एक अंग के प्रमुख के रूप में CJI पद की गरिमा के प्रति चिंता को इंगित किया गया था. जब CJI ने सार्वजनिक रूप से मामले को तूल न देने का आग्रह कर दिया, तो अब इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से जारी रखने का कोई आधार और औचित्य नहीं है. हम इस तरह की परम्परा की भी कड़ी निंदा करते हैं, जो हर छोटे मामलों को राई का पहाड़ बना देते हैं. CJI बीआर गवई ने पिछले रविवार को महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने पर गहरी चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि जब वे मुंबई पहुंचे तो महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस कमिश्नर जैसे वरिष्ठ अधिकारी उनकी अगवानी के लिए मौजूद नहीं थे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *