जिला स्तरीय बस्तर पंडुम आयोजन का हुआ समापन

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कोण्डागांव।

जनजातीय संस्कृतियों और परंपराओं से सजी बस्तर पण्डुम के जिला स्तरीय आयोजन का समापन स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाज के प्रमुखजनों की उपस्थिति में हुआ। कोंडागांव के स्थानीय ऑडिटोरियम में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में बस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृतियों और परंपराओं को सभी विकासखंड से आए कलाकारों ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियों के साथ प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में केशकाल विकासखंड के प्रतिभागियों ने जनजातीय नाट्य विधा में बस्तर की लोक संस्कृति को दर्शाती आमा जोगानी त्योहार को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया, वहीं फरसगांव विकासखंड के प्रतिभागियों ने धनकुल गीत के माध्यम से पुरातन वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया। इसी तरह कोंडागांव विकासखंड के कलाकारों ने बस्तर के जनजातीय समाज के पारंपरिक परिधान और आभूषणों को दिखाया। साथ ही विलुप्त हो रहे वाद्य यंत्र विधा में कई वाद्य यंत्रों का स्थानीय बोली में परिचय के साथ प्रदर्शन किया गया। यह आयोजन न केवल हमारी विलुप्त होती लोककला, नृत्य, गीत और संगीत को संजोने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि हमारी युवा पीढ़ी को भी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित करा रही है, जिससे वे गर्व की अनुभूति कर सकें। इस आयोजन में पहली बार कई ऐसी जनजातीय परंपराएँ और लोक कला देखने को मिल रहे हैं, जो लुप्त होने के कगार पर हैं। हमें अपनी इन अमूल्य धरोहरों को सहेजने की आवश्यकता है, ताकि हमारी समृद्ध जनजातीय संस्कृति और परंपराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहें और समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखें। समापन समारोह में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में जनजातीय लोक नृत्य विधा में फरसगांव विकासखंड, पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषण, जनजातीय लोक गीत, लोक नाट्य और वाद्ययंत्र विधा में केशकाल, पेयपदार्थ एवं व्यंजन, शिल्पकला एवं चित्रकला विधा में कोंडागांव विकासखंड के उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित एडीएम, समाज के प्रमुख, मांझी मेंबर, गायता पुजारी उपस्थित रहे।


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