लोक समता शिक्षण समिति [LS3] का संविधान शपथ विवाह समारोह संपन्न हुआ

रायपुर।
जनवादी प्रगतिशील मानवतावादी उद्देश्यों व कार्यक्रमों को संचालित करने वाली संस्था “लोक समता शिक्षण समिति” [LS3] पं. क्र.- 12220 1960 583] द्वारा जातिवादी भेदभाव, धार्मिक पाखंड- दिखावा, फिजूल खर्च विरोधी एवं संवैधानिक आजाद ख्यालात से संवैधानिक आदर्श विवाह करने का अभियान चलाया जा रहा है।LS3 के इस अभियान के अंतर्गत सजातीय विवाह के लिए जागेश्वरी गेंदले एवं नोहरदास टंडन से लोक समता शिक्षण समिति (LS3) को संवैधानिक आदर्श विवाह कराने आवेदन प्राप्त हुआ।आवेदन स्वीकार कर उनका विवाह दि.- 19-03-25 को लोक समता शिक्षण समिति (LS3) आफिस, गली नंबर 2, नगर निगम कालोनी, भारतीय नगर, वार्ड क्रमांक-11 बिलासपुर छत्तीसगढ़ में संपन्न हुआ।गुरुघासीदास सेवादार संघ [GSS] के केन्द्रीय संयोजक एवं LS3 के संरक्षक लखन सुबोध ने भारतीय संविधान ग्रंथ को साक्षी मानकर उन्हें वैवाहिक शपथ दिलाया।ज्ञात हो कि LS3 कुछ वर्षों से संवैधानिक विवाह कराते आ रहा है। ज्यादातर शादियां अंतर्जातीय हुई हैं। कुछ शादियां अंतरधार्मिक और सजातीय भी हुई है।यह गौरतलब बात है कि, सामंती सोच-समझ के लोगों से ऐसे युवक- युवती की चाहत का दमन किया जाता है। जिसमें कई तरह की असामान्य घटनाएं हत्या-आत्महत्या भी हुई हैं। ऐसी घटनाओं का संज्ञान न लेकर परिवार जन अपनी सामंती भाव की इच्छा लादने उतारू रहते हैं।आज के इस सामंती सोच- उभार के दौर में तो अब RSS/भाजपा शासित राज्य में, यह कानून बनाए जाने का समाचार आ रहा है कि, युवक-युवती की शादी के लिए मां-बाप की मंजूरी को कानूनन “अनिवार्य” किया जाय।अब समझिए कि, कैसे नागरिक आजादी पर हमला व बंदिशे लगाने को “जायज” ठहराया जाएगा।होना तो यह चाहिए कि, युवक-युवती और उनके परिजनों को शिक्षा-संस्कार, रुचि-रोजगार- अभिव्यक्ति को बेहतर (गैर सामंती व आधुनिक समझ) बनाएं और इसके लिए सर्वोपरि कर्तव्य, सरकारों का है। जो ऐसे वातावरण बनाने आवश्यक नैतिक-भौतिक समर्थन व स्रोत दे।
इस अवसर पर इस विवाह के समर्थन में आशा सुबोध (समाज सेविका एवं वरिष्ठ कवयित्री गीतकार), विरेन्द्र भारद्वाज ( महासचिव लोक सिरजनहार यूनियन LSU) सुकालू कोठारी (GSS जिला संयोजक बेमेतरा) तरूण कुमार अनंत (विवाह विडियो एवं फोटोग्राफर) एवं वर-वधु पक्ष से नरोत्तम,रामे घृतलहरे,खेलबाई,चम्पाबाई, राकेश उपस्थित रहे।समारोह पश्चात लखन सुबोध ने नव विवाहित दंपत्ति को बधाई देते हुए कहा कि, यदि भविष्य में कहीं किसी भी तरह से उन्हें या उनके परिजनों-समर्थकों को जातिय ठेकेदारों द्वारा सामाजिक- बहिष्कार प्रताड़ना करते हैं, तो हमें सूचित करें, हम संवैधानिक समता-स्वतंत्रता आधारित न्याय के पक्ष में साथ खड़े रहेंगे। हम जातिवादी-कबीलाई जुल्मियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं। और आगे भी लड़ेंगे।