खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

रायपुर। खाद्य एवं औषधि प्रशासन, छत्तीसगढ़ के अधिकारियों सहायक औषधि नियंत्रक, औषधि निरीक्षक एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ दिनांक 26 दिसंबर 2024 को न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइन रायपुर (छ.ग.) में मुख्य अतिथि श्याम बिहारी जायसवाल, माननीय मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग के गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंदन कुमार (आई.ए.एस), नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के द्वारा किया गया। बंसत कुमार कौशिक, राज्य नियंत्रण प्राधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, छत्तीसगढ़ के द्वारा कार्यशाला में होने वाले प्रशिक्षण के विषय में विस्तृत तकनिकी जानकारी उपलब्ध कराते हुये प्रशिक्षण की रूपरेखा के संबंध में अवगत कराया गया। नियंत्रक चंदन कुमार (आई.ए.एस) द्वारा औषधि एवं मेडिकल डिवाइस के बढ़ते व्यापार के संबंध में अवगत कराते हुये बताया गया कि पूरे विश्व में ऐसा कोई देश नहीं है जहां पर भारतीय दवा अथवा मेडिकल डिवाइस की आपूर्ति नहीं की जाती। औषधि निरीक्षको के कार्यों के संबंध में बताया गया कि पूरा देश उनके यह विश्वास से कि अधिकारियों द्वारा दवा एवं मेडिकल डिवाइस की गुणवत्ता का निर्धारण सुनिश्चित किया जाता है, बिना सोच-विचार कर उपयोग कर रहा हैं। इस परिस्थितियों में हमारे अधिकारियो के दायित्व उस विश्वास को बनाये रखना है साथ ही देश के 30 लाख करोड का व्यापार का आधार भी अधिकारियों को बताया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्याम बिहारी जायसवाल, माननीय मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग के द्वारा अपने उद्बोधन में प्रशिक्षण के उपयोगिता तथा प्रशिक्षण के पश्चात उसके संवेदनशील क्रियान्वयन की महत्ता को बताया साथ ही यह आशा व्यक्त किये कि यह प्रशिक्षण कार्याशाला प्रदेश के फार्मास्यूटिकल एवं मेडिकल डिवाइस हब स्थापित करने में अहम भूमिका निभायेगी तथा देश के अलग-अलग क्षेत्रो से आये वक्ताओं से फार्मास्यूटिकल एवं मेडिकल डिवाइस हब स्थापित करने में भागीदारी हेतु निवेदन किया। उक्त कार्यशाला के प्रशिक्षण का आरंभ डॉ. अमल कुमार, औषधि नियंत्रण अधिकारी, पटना, बिहार के व्याखान पर प्रारंभ हुआ जिसमें उनके द्वारा रिवाईस्ड शेड्यूल एम (जीएमपी) के संबंध में विस्तृत जानकारी के साथ अपने अनुभव को कार्याशाला में उपस्थित अधिकारियों के साथ साझा किया गया। तत्पश्चात डॉ. श्रीकांत नामा प्रबंधक- क्वालिटी एवं रेगुलेटरी एक्सपर्ट, गुड़गांव, हरियाणा के द्वारा मेडिकल डिवाईस रूल्स 2017 के विषय में उक्त नियम के क्रियान्वयन के संबंध में ली जाने वाली आवश्यक एवं महत्वपूर्ण सावधानियां के बारे में बताया गया। जिससे की भविष्य में अधिकारियों को अनेको लाभ के साथ कार्यस्थल में नियमों के क्रियान्वयन में सरलता एवं सुगमता के साथ कार्य संपादित कर सकेगे। प्रथम दिवस के अंतिम वक्ता के रूप में नरेन्द्र कुमार आहूजा, औषधि नियंत्रक (सेनि.) हरियाणा के द्वारा वर्तमान समय के एक महत्वपूर्ण विषय ब्लड सेंटर (ब्लड बैंक) के उत्थान, प्रोत्साहन एवं सफल संचालन से संबंधित नियम एवं अनुभव को उपलब्ध कराते हुये अधिकारियों के कार्यस्थल पर उक्त संबंध में विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं शंकाओं को दूर किया गया। जिससे की प्रदेश में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के सफल क्रियान्वयन से आमजन को सुगमतापूर्वक शासन की स्वास्थ सुविधाओं का लाभान्वित हो सके। कार्यक्रम के अंत में डॉ. तृप्ति जैन, सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा सभी वक्ताओं / प्रशिक्षार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन पीयूष जायसवाल एवं लक्ष्मी कौशिक औषधि निरीक्षक के द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रदेश के 100 औषधि नियामको की उपस्थिति रही। प्रशिक्षण कार्यशाला का द्वितीय एवं अतिम दिवस दिनांक 27.12.2024 को उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधीवक्ता सुशांत महापात्रा के द्वारा नवीन भारतीय न्याय संहिता एवं अधीकारियों द्वारा उसके उपयोग पर विस्तार से चर्चा की जावेगी साथ ही साथ साक्ष्य अधिनियम तथा ड्रग मैजिक रेमिडिज एवं आब्जेक्शनल एडवरटाइमेंट अधिनियम के विषय में महाराष्ट्र एवं हरियाणा से आये विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा।