चिरमिरी में घुस आई थी बाघिन, वन विभाग ने ऐसे किया रेस्क्यू, मंत्री कश्यप वीडियो शेयर कर दी जानकारी

0

रायपुर

चिरमिरी के रिहायशी इलाकों में बीते एक सप्ताह से विचरण करने वाली बाघिन को ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। वन मंत्री केदार कश्यप ने इसका एक वीडियो भी अपने फेसबुक में पोस्ट किया है।

सरगुजा से वन संरक्षक (वन्यप्राणी) केआर बढ़ई की अगुवाई में बाघिन को रेस्क्यू करने कानन पेंडारी से डॉ. पीके चंदन, तमोर पिंगला एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर से डॉ. अजीत पांडेय व जंगल सफारी रायपुर से डॉ. वर्मा पहुंचे थे। उनकी निगरानी में आज शाम 4 बजे बाघिन को रेस्क्यू कर सुरक्षित ले जाया गया। मादा बाघ को नगर निगम चिरमिरी के हल्दीबाड़ी बघनच्चा दफाई के पास जंगल में ट्रैंकुलाइज किया गया। फिर उसे ग्रीन नेट से ढंककर पिंजरे में डाला गया। इसके बाद वन विभाग के ट्रक में लोड कर ले जाया गया। इस दौरान बाघिन को देखने बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। वन मुख्यालय रायपुर से निर्देश मिलने पर बाघिन को किसी टाइगर रिजर्व छोड़ा जाएगा।

बता दें कि बीते एक सप्ताह से कोरिया वनमण्डल बैकुण्ठपुर के पूर्वी साजापहाड़ बीट में बाघिन के विचरण के प्रमाण मिलने के बाद से ही वन विभाग का अमला पूरी तरह से अलर्ट रहकर लगातार निगरानी बनाए हुए था। बाघिन के विचरण क्षेत्र में वनों के चारों ओर गांव बसे हुए हैं, इसको ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही थी। वन मंडलाधिकारी ने बाघिन के रेस्क्यू और उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वन्यप्राणी को पत्र लिखकर ट्रैंकुलाईजेशन और परिवहन की अनुमति भी मांगी थी।

मंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘कोरिया वनमण्डल बैकुण्ठपुर के पूर्वी साजापहाड़ बीट में राष्ट्रीय पशु बाघ (बाघिन) के विचरण की जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर तत्काल विभाग की टीम ने रेस्क्यू टीम बनाकर बाघिन का सुरक्षित रेस्क्यू किया। साथ ही बाघिन को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के निर्देश दिये गये हैं।’ वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि इस बाघिन के विचरण की पुष्टि ट्रैप कैमरा एवं प्रत्यक्ष रूप से हुई थी। इसके बाद वन विभाग का अमला सक्रिय होकर ग्रामीणों और चरवाहों को सावधानी बरतने तथा जंगल ने जाने की लगातार हिदायत दे रहा था। यह बाघिन आज नगर निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 15 एवं 6 नम्बर गोलाई (बगनचा) में एक बाड़ी में घुस गई थी। गश्ती दल बाघिन के मूव्हमेंट पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रहा था। बाघिन ने 2 मवेशी का शिकार भी किया था।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *