भारतीय भाषा उत्सव 2024: कलिंगा विश्वविद्यालय में भाषाई विविधता और एकता का जश्न

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रायपुर।

कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर के शिक्षा विभाग ने 9 से 11 दिसंबर 2024 तक भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भाषाई विविधता पर एक सप्ताह तक चले उत्सव के समापन का प्रतीक था, जिसमें महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर उनकी विरासत का सम्मान किया गया।

इस वर्ष का विषय, “भाषाओं के माध्यम से एकता”, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जो मातृभाषा आधारित शिक्षा और बहुभाषावाद की वकालत करता है। भारतीय भाषा उत्सव भारत की भाषाई विरासत पर गर्व करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, साथ ही राष्ट्र को बांधने वाली भाषाओं की विविधता के प्रति प्रशंसा को बढ़ावा देता है।

शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता डॉ. श्रद्धा वर्मा के मार्गदर्शन में तथा  हर्षा शर्मा द्वारा संयोजित एवं   गुलसन कुमार बेहरा के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देना तथा एकता को बढ़ावा देना था।

मुख्य आकर्षणों में प्रतियोगिताएं, कार्यशालाएं, भाषा मेला और पारंपरिक कला रूपों का प्रदर्शन करने वाला सांस्कृतिक समापन समारोह शामिल था। भारतीय भाषा उत्सव 2024 ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को आकार देने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में भाषाओं की आवश्यक भूमिका को रेखांकित किया।

कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए, विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा B+ मान्यता प्रदान की गई है। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो लगातार तीसरे वर्ष 2022, 2023 और 2024 के लिए शीर्ष 101-150 विश्वविद्यालयों के बैंड में एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल है। छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले बहुविषयक अनुसंधान-केंद्रित शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वैश्विक मानदंडों के अनुसार छात्रों में नवाचार पैदा किया जा सके और नेतृत्व शक्ति के विकास के साथ जिम्मेदार नागरिक की भावना विकसित की जा सके।


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