गुरु प्रकाश पर्व पर सतनाम धर्मगुरुओं का संदेश : सत्य, अहिंसा, एकता और समरसता का मार्ग अपनाएं

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मुंगेली।

 1 दिसंबर 2024 को सतनाम भवन से शुरू हुई प्रदेश स्तरीय भव्य सतनाम शोभायात्रा ने पूरे जिले को सतनाममय बना दिया। शोभायात्रा में सतनाम धर्म के प्रमुख धर्मगुरु गुरु राजा बालदास साहेब, गुरु ढालदास साहेब, गुरु सोमेश बाबा, और गुरु खुशवंत साहेब आरंग विधायक- उपाध्यक्ष अनुसूचितजाति विकासप्राधिकरण  ने विशेष रूप से शामिल हुआ। श्रद्धालुओं को प्रेरणादायक संदेश देते हुए धर्मगुरुओं ने सतनाम धर्म के आदर्शों, गुरु घासीदास के उपदेशों और समाज में एकता व समरसता बनाए रखने का आह्वान किया। राजागुरु धर्मगुरु गुरु बालदास का प्रेरणादायक उद्बोधन, राजागुरु धर्मगुरु गुरु बालदास ने अपने ओजस्वी और प्रेरणादायक उद्बोधन में समाज को नई दिशा, नई सोच और शिक्षा की ओर बढ़ने का संदेश दिया।

उन्होंने श्वेत प्रतीक की स्थापना और उसकी विधि के महत्व को समझाते हुए इसे समाज के मूलभूत आदर्शों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि चार कोणों वाला चबूतरा, उस पर एक सराई की लकड़ी और उस पर पांच हाथ लंबा डंडा, जिसके शिखर पर सादा श्वेत झंडा फहराया जाता है, हमारे समाज का प्रतीक चिन्ह है। यह प्रतीक हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्मगुरु ने स्पष्ट किया कि यह झंडा समाज को संदेश देता है कि हम सत्य, समानता और भाईचारे के अनुयायी हैं। हमारे मन में किसी के प्रति आक्रोश, मतभेद, या छुआछूत जैसी कुरूतियां नहीं होनी चाहिए। गुरु बालदास ने समाज को एकजुट होकर शिक्षा और नैतिकता के पथ पर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे हम अपने समाज को सशक्त और समृद्ध बना सकते हैं। गुरु सोमेश बाबा का संदेश, गुरु सोमेश बाबा ने अपने आशीर्वचन में कहा, भव्य सतनाम शोभायात्रा न केवल सतनाम धर्म के प्रचार-प्रसार का माध्यम है, बल्कि यह समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी प्रबल करती है। हमें गुरु घासीदास के मार्गदर्शन में अपने जीवन को सत्य, अहिंसा और सेवा से प्रेरित करना चाहिए।

उन्होंने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया। गुरुजनों ने गुरु घासीदास के उपदेशों को समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास ने सत्य, अहिंसा,समानता और सदाचार का मार्ग दिखाया, जो आज भी प्रासंगिक है। धर्मगुरुओं ने कहा कि उनके उपदेश न केवल सतनामी समाज के लिए, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए आदर्श हैं। गुरु ढालदास बाबा ने समाज को आशीर्वचन दिया, और सत्य और न्याय का पालन करने का संदेश दिया। गुरु खुशवंत साहेब का आह्वान,गुरु खुशवंत साहेब ने शोभायात्रा के आयोजन को समाज की शक्ति और निष्ठा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, गुरु घासीदास के उपदेश हमारे जीवन का आधार हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही हम अपने समाज को सशक्त और उन्नत बना सकते हैं। उन्होंने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे सतनाम धर्म की शिक्षाओं को आत्मसात कर समाज के विकास में योगदान दें। साथ ही कहा जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी की सरकार बनी है तब से समाज आगे बढ़ रहा है, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भंडारपुरी के मोती महल के विकास के लिए साढ़े 18 करोड़ की घोषणा की है, आगे कहा बलौदाबाजार के एक महाविद्यालय का नाम भी गुरुघासीदास  के नाम से जाना जाएगा । इस तरह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमारी मांगों को पूरा कर रहे है। मुंगेली विधायक मोहले का संदेश, इस अवसर पर मुंगेली विधायक मोहले ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

उन्होंने समाज को गुरु बालदास के मार्गदर्शन में चलने और अखंड भारत के निर्माण की दिशा में योगदान देने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि यदि समाज एक नई सोच और नई दिशा के साथ आगे बढ़े, तो न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों में भी नई उमंग और जोश का संचार होगा। विधायक ने समाज को यह विश्वास दिलाया कि यदि हम सब मिलकर भाईचारे और सद्भावना के सिद्धांतों पर चलते हैं, तो हम अपने समाज को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। उन्होंने अखंड भारत के निर्माण में हर वर्ग के सहयोग और सकारात्मक सोच की आवश्यकता पर बल दिया।

राजागुरु धर्मगुरु गुरु बालदास, गुरु ढालदास साहेब, गुरू सोमेश बाबा, गुरु खुशवंत साहेब और विधायक मोहले का यह प्रेरणादायक संदेश समाज को नई ऊर्जा, नई दिशा और एकजुटता की शक्ति प्रदान करता है। शिक्षा, सत्य और समर्पण के मार्ग पर चलकर समाज अपनी सभी चुनौतियों को पार कर सकता है और प्रगति की नई कहानी लिख सकता है। यह संदेश न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करेगा। सत्य, सेवा और समरसता का संदेश देते हुए सभी धर्मगुरुओं ने अपने आशीर्वचनों में समाज में सत्य, अहिंसा सेवा और समरसता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सतनाम धर्म के आदर्श हमें सिखाते हैं कि हर व्यक्ति समान है और हमें बिना भेदभाव के समाज के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। गुरुजनों ने इस भव्य आयोजन को समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बताते हुए इसे सतनाम धर्म के प्रचार और समाज के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। राज्य स्तरीय भव्य सतनाम शोभायात्रा सतनाम भवन से शुरू होकर विभिन्न प्रमुख स्थलों से गुजरते हुए कृषि मंडी परिसर में समाप्त हुई। शोभायात्रा में पंथी दल और शौर्य प्रदर्शन दल ने अपनी कला से यात्रा को आकर्षक बनाया।

कार्यक्रम के दौरान सतनाम भजनों की प्रस्तुति ने समां बांधा और धर्मगुरुओं ने प्रेरणादायक प्रवचन देकर श्रद्धालुओं को सतनाम धर्म के प्रति निष्ठावान रहने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के सफल समापन पर आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं और समाज के सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। धर्मगुरुओं ने इस आयोजन को सतनामी समाज के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह समाज में नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा। यह आयोजन सतनाम धर्म के अनुयायियों को बाबा गुरु घासीदास के उपदेश, संदेश, सत्य, अहिंसा, समानता और समर


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