शिमला।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के युवा महिलाओं के जाल में फंस कर नशे के आदी हो रहे हैं। मोहरा बनी महिलाएं जमकर नशे का शिकार बना रही हैं। नशे का सामान महिलाओं के जरिये उपलब्ध कराया जा रहा है। इस तस्करी में अब तक 19 महिलाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन यह कार्रवाई समुद्र में से लोटा भर पानी निकालने जैसी है। एसपी ने मीडिया से चर्चा में कहा है कि जिले को नशा मुक्त बनाएंगे।
जांच में चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि महिलाएं चिट्टे समेत चरस और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी जोरों पर चल रही है।
संजीव कुमार गांधी एसपी शिमला ने मीडिया से चर्चा में कहा कि नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस ने मिशन क्लीन चलाया है। इसके तहत जिले को ड्रग फ्री बनाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। नशा तस्करी में पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी शामिल हैं। मामलों को पकड़ने के लिए पुलिस नशा तस्करों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। लोगों से अपील की है कि नशा तस्करी के बारे में पुलिस से सूचना साझा करें।
पुलिस ने इस साल एनडीपीएस के करीब 225 मामले दर्ज किए हैं। इसमें 504 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें 19 महिलाएं शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि महिलाओं पर तस्करी का शक कम होता है। इसलिए तस्कर महिलाओं को अपने झांसे में लेकर नशे के धंधे को अंजाम दे रहे हैं। नशा तस्करी में महिलाओं की संलिप्तता के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोटखाई में सालों से नशा तस्करी का नेटवर्क चला रहे रंजन गिरोह से जुड़ी तीन महिलाओं को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें दो युवतियां निजी विश्वविद्यालय में पढ़ाई करती थीं। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह का सरगना बड़ी चालाकी से इस पूरे नेटवर्क को अंजाम दे रहा था। वह दूसरों के बैंक खातों का नशे की खरीद फरोख्त के लिए इस्तेमाल करता था।
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