डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर


बेमेतरा ।

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से उपयोगी और सजावटी वस्तुएं भी बनाई जा सकती है और अतिरिक्त आमदनी भी की जा सकती है। अगर यह हुनर देखना या सीखना है,तो आपको छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 75 किलोमीटर दूर बेमेतरा जिले के  ब्लॉक बेरला आना पड़ेगा। जिले के नगर पंचायत बेरला में स्वच्छता दीदियाँ रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर रही है। इन दीदियों को कचरा कलेक्शन के दौरान प्राप्त कपड़े से वेस्ट टू वंडर के अतंर्गत घरेलू साज-सज्जा और उपयोगी सामग्री डोरमैट, परदा, कवर, मैट, थैला/झोला आदि बनाया जा रहा है। वे मांग अनुसार स्थानीय बाजार में स्टॉल लगाकर विक्रय भी कर रही है।इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है। निकाय के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित  स्थानीय जनप्रतिनिधियों  द्वारा दीदियों के हुनर  को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

मालूम हो कि अधिकांश लोगों को घर में उपलब्ध कचरे से उपयोगी और सजावटी वस्तुओं को बनाने के बजाय उन्हें फेंकना उनके लिए सबसे सरल और अच्छा लगता है। घर पर रोजाना ढेर सारा कचरा पैदा होता है। जैसे फटे-पुराने कपड़े,नारियल के छिलके, पुराने अखबार, कांच के जार, प्लास्टिक की बोतल और गत्ते के डिब्बे आदि। इन सभी का उपयोग रचनात्मक तरीके से आंतरिक सज्जा को सजाने के लिए भी किया जा सकता है। बेस्ट आउट-ऑफ-वेस्ट का सीधा सा मतलब है कि ऐसी सामग्री से कुछ नया और आकर्षक बनाना जो किसी काम का न हो। पुराने से कुछ नया बनाना, पुनर्चक्रण और पुनर्चक्रण, किसी के कार्बन पदचिह्न को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। कचरे से बने सामानों से कोई भी अपने घर को सजा सकता है।

’जैसा कि मालूम है कि नगर निगम,नगर पालिका के बाद अब पंचायतों में भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू हो गया है। इसके लिए जन-जागरूकता बढ़ाने के लिये महिलाओं के स्व-सहायता समूह आगे आ रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत ग्रामों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू हो चुका है।’महिलाएं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन एवं अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों को बखूबी अंजाम दे रही हैं। महिलाएं सूखे एवं गीले कचरे को अलग-अलग करने करती है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, वर्मी कम्पोस्ट एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए चयनित किया गया है। इसी में से प्लास्टिक वेस्ट भी अलग से निकालकर इसे अन्य जिलों के लिए बनाए गए एक सेंटर में भेजेंगे। वहां इसे गलाकर इसका उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जाता है।


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