उमर अब्दुल्ला आप आतंकियों को बिरयानी खिलाते रहिए, टेररिज्म का जवाब अमित शाह J-K की रैली में बरसे


जम्मू-कश्मीर।

अमित शाह ने कहा, ‘यहां भाजपा की सरकार आने पर हम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की सालाना किस्त 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार करेंगे. जम्मू में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनेगा, जम्मू में मेट्रो आएगी. हम हर साल आतंकवादियों द्वारा नष्ट किए गए 100 मंदिरों का जीर्णोद्धार करेंगे. हम अग्निवीरों को शत-प्रतिशत नौकरी देने का काम करेंगे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस को निशाने पर लेते हुए अमित शाह ने कहा, ‘हमारी देश की संसद पर जिस अफजल गुरु ने हमला करवाया उसकी फांसी की सजा का ये लोग विरोध कर रहे हैं. उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं देनी चाहिए. उमर अब्दुल्ला साहब, आप आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते रहिए, लेकिन जो आतंक फैलाएंगा, उसका जवाब फांसी के तख्ते पर ही दिया जाएगा.’

गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद, जम्मू-कश्मीर में एक ऐसा चुनाव होने जा रहा है, जब यहां न धारा-370 है और न ही अलग झंडा है. मारे अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने कहा था कि एक देश में ‘दो विधान, दो निशान व दो प्रधान’ नहीं चलेगा और इसके लिए उन्होंने अपनी जान दी.

धारा 370 का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘5 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को समाप्त कर दिया. जम्मू-कश्मीर 40 साल तक आतंकवाद की दहशत में रहा, 40,000 लोग मारे गए, 3,000 दिन कर्फ्यू रहा। हर दिन पाक प्रेरित आतंकवादी बम और गोलियां चलाते थे.मोदी जी की सरकार ने धारा-370 को समाप्त कर दिया अब न पत्थरबाजी होती है, न ही गोलियां चलती हैं.’

एनसी और कांग्रेस पर निशाना
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस, NC जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकवाद लाना चाहते हैं. उमर अब्दुल्ला, आतंकवाद को हम पाताल तक दफन करके ही हम दम लेंगे. किसी की ताकत नहीं है, जो जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद लेकर आए. अब केंद्र में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है. कल उमर अब्दुल्ला और राहुल बाबा कह रहे थे कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र लाएंगे. किस मुंह से कह रहे हैं आप? अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार व नेहरू-गांधी परिवार ने 70 वर्षों तक जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को बांध कर रखा. अब यहां पंच, सरपंच भी हैं, ब्लॉक के चुनाव हुए, जिले के चुनाव हुए, जो पहले नहीं होते थे। मोदी जी ने 40,000 जनप्रतिनिधियों को लोकतंत्र का फायदा पहुंचाया है।


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