रायपुर।
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में तीन दिवसीय जेएनएम प्रीमियर लीग क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन शुक्रवार से रविवार तक चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में बालक वर्ग के अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, इंटर्न व संकाय सदस्यों की कुल आठ टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का उद्घाटन डॉ. आशीष सिन्हा विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सान्निध्य में संपन्न हुआ।
प्रतियोगिता लीग कम नॉक आउट के आधार पर खेली गई। लीग राउंड के बाद मेलिगनेंट इलेवन, इनविसिबल नाइट, ऑर्गनाइजर इलेवन, रेजिंग रिबेल ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। प्रथम सेमीफाइनल इनविसिबल नाइट और ऑर्गनाइजर इलेवन के मध्य खेला गया, जिसमें ऑर्गनाइजर इलेवन विजयी रहा। दूसरा सेमीफाइनल मेलिगनेंट इलेवन व रेजिंग रिबेल के मध्य खेला गया जिसमें रेजिंग रिबेल विजयी हुआ। फाइनल मैच ऑर्गनाइजर इलेवन व रेजिंग रिबेल के मध्य खेला गया। रेजिंग रिबेल ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग का निर्णय लिया। ऑर्गनाइजर इलेवन ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट के नुकसान में एक सौ सत्ताइस रन बनाए। जवाब में रेजिंग रिबेल सत्तावन रन पर ऑल आउट हो गई। विजेता टीम की ओर से संस्कार गुप्ता ने छह विकेट चटकाए, शेर सिंह और भरत ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, रेजिंग रिबेल के हिमांशु दुबे का प्रदर्शन सराहनीय रहा। मैन ऑफ द टूर्नामेंट भरत, ऑरेंज कैप डॉ. आयुष पटेल को एवं परपल कैप संस्कार गुप्ता को प्रदान किया गया।
फाइनल मैच के अतिथि डॉ. अरविंद नेरल, प्रोफेसर एंड हेड पैथालॉजी विभाग, डॉ. अजय हलवाई एसोसिएट प्रोफेसर फार्मकोलोजी विभाग और डॉ. कुशल चक्रवर्ती असिस्टेंट प्रोफेसर एनाटॉमी विभाग थे।
पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि एवं चिकित्सा छात्रसंघ के चेयरमेन डॉ. अरविंद नेरल ने विजेताओं को बधाई दी और अपने उद्बोधन में कहा कि खेलकूद की गतिविधियां जिंदगी के बहुत सारे ऐसे पाठ सिखाते हैं जो महाविद्यालय के व्याख्यान कक्ष में पढ़ाये नहीं जाते हैं। इससे टीम-भावना का संचार होता है और हार-जीत को सहर्ष स्वीकार करने की क्षमता विकसित होती है। तीन दिवसीय इस पूरे आयोजन में इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग सिस्टम, अंपायरिंग और कमेंट्री उच्च स्तरीय रही। प्रतियोगिता के दौरान डॉ .सुधीर राजपाल स्पोर्ट्स ऑफिसर, समस्त प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी व भारी संख्या में छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। संपूर्ण प्रतियोगिता के आयोजन में शेर सिंह, संस्कार गुप्ता, भरत एवं विष्णु का योगदान सराहनीय रहा।
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