दिल्‍ली की नई मुख्‍यमंत्री होंगी आतिशी, AAP विधायकों ने केजरीवाल के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकारा

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दिल्ली। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई नाम शामिल थे। इसमें मौजूदा कैबिनेट के सदस्य आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत के अलावा पूर्वी दिल्ली लोकसभा के प्रत्याशी रहे कुलदीप कुमार, विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़लान समेत दूसरे नाम भी शामिल थे। लेकिन आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है।

वहीं आतिशी के नाम का एलान होते ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल एक कठपुतली/अस्थायी व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह पार्टी में उनसे कमजोर किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। आप में अंदरूनी सत्ता संघर्ष चल रहा है। इस अंदरूनी सत्ता संघर्ष के कारण दिल्ली की जनता त्रस्त है। आगामी चुनाव में मुकाबला जनता बनाम आप होने जा रहा है। जबकि भाजपा दिल्ली की जनता का माध्यम बनेगी।

दिल्ली के लोगों के लिए फैसला लिया- गोपाल राय
दिल्ली मंत्री गोपाल राय ने प्रेस वार्ता की और उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लगी है। राय ने कहा कि भाजपा आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने इस्तीफे का फैसला लिया। भाजपा की सभी साजिशों को हमने नाकाम किया। अगले चुनाव तक आतिशी को जिम्मेदारी दी गई है। नई सरकार और जनता के फैसले के बाद ही केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि शाम 4.30 बजे केजरीवाल उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा देंगे। इसके बाद आज ही सरकार गठन की तैयारी शुरू हो जाएगी। आज ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।

विधायक दल की नेता बनीं आतिशी
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी होंगी। मंगलवार को केजरीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव केजरीवाल ने सभी विधायकों के सामने रखा। जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। रेस में उनका नाम सबसे आगे भी चल रहा था। आतिशी पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती है। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली में हुई है। और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं।

सभी विधायकों ने स्वीकार किया प्रस्ताव
दिलीप पांडे ने प्रस्ताव रखा कि अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री का नाम डिसाइड करें। सभी विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन किया है। सभी विधायकों ने खड़े होकर प्रस्ताव को स्वीकार किया।


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