पेयजल स्त्रोत के फ्लोराइड से प्रभावित होने पर करें नियमित जांच और आम लोगों को करें जागरूक: कलेक्टर डाॅ. सिंह


रायपुर ।

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने पेयजल में फ्लोरोसिस की समस्या से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने के लिए अंतर्गत अंतर्विभागीय समन्वयन की बैठक ली। कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग एवं पंचायत विभाग के साथ मिलकर कार्यक्रम को बेहतर करने के लिए जिला में रणनीति तैयार करें। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के पेयजल स्त्रोतों में फ्लोराईड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर सीमा से अधिक मिलने पर उस क्षेत्र के समस्त पेयजल स्त्रोतों का परीक्षण प्रयोगशाला से पेयजल स्त्रोत के फ्लोराइड से प्रभावित होने का जांच करने को कहा। फ्लोरोसिस नियंत्रण के लिए फ्लोराइड अधिक होने से बीमारियों की पहचान एवं जागरूकता लाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा जिले में फ्लोरोसिस से प्रभावित गांवो की फ्लोराईड रिमूवल प्लांट को दुरूस्त करने के साथ ही सभी संबंधित विभागो को एकजुट होकर इस समस्या का समाधान किया जाएं।

उल्लेखनीय है कि फ्लोरोसिस एक सार्वजनिक लोक स्वास्थ्य समस्या हैं, जो लंबे समय तक पीने के पानी, खाद्य उत्पादों एवं औद्योगिक उत्सर्जन के माध्यम से फ्लोराइड के अत्यधिक सेवन के कारण होता हैं। जिसके कारण दंत फ्लोरोसिस, स्केलेटल फ्लोरोसिस एवं नान स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी बीमारियाँ होती हैं। इस बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी  विश्वदीप, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी एवं शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, पंचायत विभाग के अधिकारीगण मौजूद थे।

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