नईदिल्ली ।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कुकी समूहों द्वारा अलग प्रशासन की मांग को पहली बार स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। उन्होंने केंद्र की मदद से छह महीने में राज्य में पूर्ण शांति बहाल करने का वादा भी किया। मुख्यमंत्री ने एक साक्षात्कार में पहली बार यह भी बताया कि उन्होंने नगा विधायक और हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई को कुकी-जो और मैतेयी नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए दूत नियुक्त किया है। मई 2023 से कुकी-जो और मैतेयी जातीय समूहों के बीच संघर्ष में 226 लोग मारे गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे पूर्वजों का 2,000 साल पुराना इतिहास है। इसके लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। इस राज्य को तोड़ा नहीं जा सकता। इसका अलग प्रशासन नहीं हो सकता। हालांकि स्वायत्त परिषदों के माध्यम से विकास की रफ्तार तेज करने पर विचार हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज देने का अनुरोध करेंगे। बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि मैं इस्तीफा क्यों दूं। क्या मैंने देश या राज्य के खिलाफ काम किया है। मैंने राज्य को अवैध प्रवास और अवैध अफीम की खेती से बचाया है। जनता मेरे साथ है। इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं है।
पक्षपात के आरोप पर उन्होंने कहा, मैं हर समुदाय का मुख्यमंत्री हूं, चाहे वह मैतेयी हो, कुकी हो या नगा हो। सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ युद्ध तेज किया है। म्यांमार से अवैध प्रवासियों का पता लगाने के साथ ही वनों को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है, लेकिन ये कदम एक वर्ग को पसंद नहीं आए। उन्होंने कहा कि कुकी-मैतयी संघर्षों को भडक़ाकर सरकार और राज्य को अस्थिर करने की साजिश रची गई। कुकी पहाड़ी इलाकों में रहने वाली ईसाई जनजातियां हैं, जबकि मैतेयी मैदानी इलाकों और घाटियों में रहने वाले हिंदू हैं। कुकी जनजातियां म्यांमार में भी हैं। बीरेन सिंह मैतेयी हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मणिपुर नहीं आने के सवालों पर मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री भले न आए हों, लेकिन उन्होंने गृह मंत्री को भेजा। प्रधानमंत्री ने मणिपुर के बारे में कई बार बात की, स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भी।यहां सुरक्षा आदि के मामले में जो कुछ किया जा रहा है, वह पीएम के नेतृत्व में ही हो रहा है।’
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