कोतवाली के लॉकअप में आज आधी रात जन्म लेंगे कान्हा

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रायपुर ।

आज कृष्ण जन्माष्टमी है। देश, राज्य और शहर भर में कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, पर राजधानी में एक आयोजन बेहद खास होता है। कोतवाली की असली बैरक में श्री कृष्ण का जन्म होगा, रुदन गूंजेगा, सिपाही निद्रा में जाएंगे और देवकी-वासुदेव बैरक से निकलकर गोपाल मंदिर जाएंगे। इसमें देवकी- वासुदेव की भूमिका एक दंपति निभाएगा, पुलिस जवान भी एक्टिंग करेंगे। रात ठीक 12 बजे यहां उत्सव होगा। यह परंपरा पिछले 11 सालों से चली आ रही है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ। इस बात को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी की जाती है। कारागार की सुरक्षा में दो सिपाहियों की तैनाती की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण को लेकर वासुदेव कारागार से जैसे ही निकलते हैं, सुरक्षा में तैनात सिपाही बेहोश होने का अभिनय करते हैं। कारागार में रात के 12 बजे जैसे ही रोने की आवाज आती है, वैसे ही मौके पर उपस्थित श्रद्धालु नंदगोपाल का जयघोष करते हैं। मौके पर उपस्थित कोतवाली थाने के स्टाफ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा- अर्चना करते हैं। जन्माष्टमी की रात कोतवाली थाने का परिदृश्य बदल जाता है, थाना किसी मंदिर की तरह लगने लगता है। जन्माष्टमी के एक दिन पूर्व कोतवाली थाने के लॉकअप की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाती है। इसके बाद पुलिसकर्मी ही लॉकअप सजाते हैं। उनके पास एक प्रतीकात्मक प्लास्टिक से बने हुए भगवान कृष्ण हैं, जिसमें बच्चे के रोने का एक टाइमर ऑडियो है। जन्माष्टमी को रात के जैसे ही 12 बजते हैं, कारागार से रोने की आवाज आने लगती है। इसके बाद हथकड़ी से बंधे माता देवकी तथा वासुदेव के साथ भगवान श्रीकृष्ण को फूलों से सजी टोकरी में रखकर गोपाल मंदिर ले जाया जाता है। जहां गोपाल मंदिर में भव्य आयोजन किया जाता है। श्रीकृष्ण के उपदेश हर परिस्थिति के लिए प्रासंगिक: सीएम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने सबके सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण हमें जीवन जीने का सही राह बताते हैं। उनके उपदेश जीवन की हर परिस्थिति के लिए प्रासंगिक है।


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