अटल-आडवाणी, मोदी-शाह से केजरीवाल-सिसोदिया तक, राजनीतिक जगत में ये दोस्ती बनीं मिसाल, मुश्किल समय में भी रहे साथ


नईदिल्ली ।

भारत समेत दुनिया के कई देशों में आज फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है। मुश्किल के समय काम आने वाले इंसान को ही सच्चा दोस्त कहा जाता है। ऐसी ही सच्ची दोस्ती राजनीति में भी कई बार देखने को मिली है। वैसे तो राजनीति में कहा जाता है कि न कोई स्थाई दोस्त है न दुश्मन, लेकिन कुछ नेता ऐसे भी रहे जिनकी दोस्ती के किस्से काफी मशहूर रहे। पीएम मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह की दोस्ती के किस्से तो सभी ने सुने होंगे, लेकिन इसके इतिहास से हर कोई वाकिफ नहीं है। मोदी और शाह की दोस्ती दशकों पुरानी है और भारतीय राजनीति में सबसे मजबूत भी गिनी जाती है। मोदी-शाह का रिश्ता 1980 के दशक से है। दोनों में दोस्ती तब से है, जब मोदी गुजरात के सीएम भी नहीं थे। शाह ने एक बयान में बताया था कि आरएसएस की शाखाओं में कई लोग ऐसे ही मिल जाते हैं, लेकिन उनसे गहरी दोस्ती हो जाती है।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने शाह और मोदी की दोस्ती को एक ही पंख के पक्षी बताया था। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की दोस्ती 1950 के दशक में हुई थी। दोनों भारतीय जनसंघ में थे, जिसे अब भारतीय जनता पार्टी से जाना जाता है। वैसे तो भाजपा को अब दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर पार्टी कहा जाता है, लेकिन इसे इस काबिल बनाने में इन दोनों नेताओं की अहम भूमिका मानी जाती है। वाजपेयी और आडवाणी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का भी मिलकर विरोध किया था।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *