सावन के कड़े तेवर, पूरा इलाका हुआ पानी-पानी


कोरबा।

जरूरत से ज्यादा गर्मी का एहसास लोगों को अषाढ़ ने कराया। किसानों के साथ आम लोग परेशान हुए। इस दौरान में बारिश एक तरह से गायब रही। वहीं सावन की शुरुआत होने के साथ मौसम के तेवर बदल गए। आज लगातार दूसरे दिन बारिश का अंदाज राहत के साथ परेशानी भरा रहा। सभी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण अब समीकरण बदले हैं।सुबह बच्चों को स्कूल जाने में भारी बारिश का सामना करना पड़ा वही लोग ऑफिस और दफ्तर जाने के लिए भी रेनकोट और छत्ता का सहारा लेना पड़ा। मंगलवार की दोपहर से रात 8:00 बजे तक झमाझम बारिश हुई उसके बाद कुछ समय के लिए बूंदाबांदी शुरू हुई फिर उसके बाद देर रात झमाझम बारिश शुरू हुई और सुबह तक पानी गिरता रहा। इस बारिश से सडक़ के गधों पर पानी ही अपनी नजर आया वहीं खेतों में जल भराव से एक और किसानों को काफी राहत भी मिली है क्योंकि काफी लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण फसल प्रभावित भी हो सकता था किसानों की माने तो अत्यधिक बारिश से भी फसल नुकसान हो सकता है अधिक जल भराव के कारण फसल नष्ट भी हो जाता है।लगातार हो रहे हैं बारिश के कारण भी नदी नाले उफान पर आने लगे हैं बालको क्षेत्र में कई ऐसे छोटे बड़ी नाली नाला है जहां पानी का तेज बहाव देखने को मिल रहा है। शहरी क्षेत्र में भी कई ऐसे जगह हैं जहां झमाझम बारिश के कारण लोगों को कीचड़ का सामना करना पड़ रहा है। हसदेव नदी किनारे भी बेस बस्ती राताखार, इमली डुग्गू, मोती सागर पारा बस्ती के लोग अधिक बारिश होने के बाद चिंता में डूब जाते हैं क्योंकि नदी किनारे होने के कारण दम से पानी छोडऩे के बाद कई घर प्रभावित हो जाते हैं।

चोरनई नदी लबालब, ग्रामीण कर रहे अलर्ट
सावन की शुरुआत होने के साथ मौसम के तेवर में अचानक बड़ा बदलाव हुआ है। कोरबा जिले के हर इलाके में बारिश की उपस्थिति दर्ज हुई। आसपास के इलाके के साथ-साथ नदी नालों में पानी पानी हो गया है। देवपहरी क्षेत्र की चोरनई नदी में इसके कारण जल स्तर काफी बढ़ गया है। ग्रामीणों ने दूसरे क्षेत्र से आने वाले लोगों को सतर्क किया है ताकि अनहोनी से बचा जा सके। कोरबा जिले की सीमा से निकलकर अपने साथ कई सहायक नदियों का पानी ग्रहण करने वाली चोरनई नदी बड़े हिस्से के लिए जीवन रेखा मानी जाती है। आसपास की आबादी के साथ-साथ वहां की कृषि की जरूरत की पूर्ति इस नदी का पानी पूरा करता है। पहाड़ी क्षेत्र से उद्गम होने और बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र की उपलब्धता होने के कारण इस नदी में साल के 12 महीने अच्छा पानी रहता है। गर्मी के दिनों में जरूर कुछ अंतर होता है लेकिन कुल मिलाकर नदी अपने स्वरूप से लोगों को आकर्षित करती है। देवपहरी से नरोत्तम कुमार ने बारिश के वीडियो ग्रैंड न्यूज़ को उपलब्ध कराए हैं। गोविंद झुनझा जलप्रपात के पास चोरनई नदी में आई पानी की विशाल मात्रा लोगों को बताने के लिए पर्याप्त है कि इसके नजदीक जाना माना है। दूर से ही इस नजारे को देखा जाए और खुश हुआ जाए।बताया गया कि वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा स्थानीय लोगों की ओर से भी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मौजूदा स्थिति में पर्यटन प्रेमियों को संभावित खतरे से बचाया जा सके।


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