रायपुर ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि साय सरकार 18 लाख आवासों की सूची जारी करे। भाजपा सरकार बनने के बाद 18 लाख आवास स्वीकृत होने का दावा किया गया था जबकि सच्चा यह है कि 18 लाख आवास में से अब तक एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है।साय सरकार गरीबो को आवास देने के नाम से धोखाधड़ी की है, जो भी आवास बने है और जो बन रहे है वो कांग्रेस सरकार के दौरान स्वीकृत हुए थे। केन्द्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रधानमंत्री आवास के मकानों की संख्या को स्वीकृति ही नही दिया है। राज्य सरकार खुद ही संख्या की घोषणा कर अपनी पीठ थपथपा रही है। कांग्रेस मांग करती है कि सरकार के दावों में सच्चाई है तो स्वीकृत आवास हीनों के नाम सार्वजनिक किया जाये। मोदी सरकार बताये 18 आवासों में से कितने आवास केंद्र स्वीकृत किया? मोदी सरकार ने राज्य के 18 लाख आवासों में से 1 मकान की भी स्वीकृति नहीं दिया। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने अभी तक एक भी हितग्राही के खाते में एक रू. भी नहीं डाला है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री आवास केवल सरकारी विज्ञापनों और होर्डिंग में ही दिखते रहे है, हकीकत में भाजपा सरकार के आने के बाद एक भी हितग्राही के लिये आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने आवासहीनों के खाते में पहली किश्त डाली थी। उसके बाद भाजपा सरकार ने एक भी रू. नहीं भेजा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पीएम आवास योजना 2015 में लागू हुई तब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। 2011 के जनगणना को आधार मानकर छत्तीसगढ़ के लिए कल 18 लाख आवास का लक्ष्य तय किया गया था। 2015 से 18 तक रमन सरकार के दौरान मात्र 237000 ग्रामीण पीएम आवास तथा 19000 शहरी पीएम आवास बने। 2018 से 23 तक भूपेश सरकार ने 10 लाख से अधिक पीएम आवास बनाएं। शेष लगभग 7 लाख आवास बनाने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने विगत बजट में 3234 करोड़ का प्रावधान किया तथा 7 लाख आवासहीनो के लिये मकान बनाने के लिये पहली किश्त अक्टूबर में ही भूपेश सरकार ने डाल दिया था। साय सरकार बताये वह किन 18 लाख लोगों को आवास देने का दावा कर रही है।
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