सावन के पवित्र माह में संस्कारधानी नगरी राजनांदगांव में हर सोमवार निकाली जाने वाली महाकाल की पालकी यात्रा में अब से कानफोड़ू डीजे साउंड नहीं बजाया जाएगा। इसके स्थान पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने पारंपरिक व लोककला को प्राथमिकता दी जाएगी।
रामाधीन मार्ग स्थित महेश्वरी भवन में यात्रा को लेकर गुरुवार को महाकाल भक्तों की हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसमें यात्रा की रूपरेखा तय की गई। इस वर्ष महाकाल भक्त सेना द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 11 पालकी यात्रा निकाली जाएगी।
बैठक में महाकाल भक्त नीलू शर्मा, पवन डागा, कोमल सिंह राजपूत, घनश्याम अग्रवाल, अशोक लोहिया, आवतराम तेजवानी, लक्ष्मण लोहिया, राजा मखीजा, किशन यदु, मानव देशमुख, तथागत पांडे, मनोज बैद, सूरज बुद्धदेव, राजेश जैन, विजय हरिहारनो, दामू भूतड़ा, मनीष खंडेलवाल आदि ने अपने सुझाव रखे। बैठक में बड़ी संया में शिव भक्त उपस्थित हो अपने विचार प्रगट किए। उक्त जानकारी महाकाल पालकी यात्रा के प्रचार प्रसार प्रभारी लक्ष्मण लोहिया ने दी। कार्यक्रम की तैयारी जोरों से चल रही है।
सूर्यास्त से पहले होगा यात्रा का समापन
बैठक में महाकाल भक्तों ने सुझाव दिया कि प्रति सोमवार को यह यात्रा तय समय पर निकाली जाए। समय पर तय स्थान पर पहुंचने का आग्रह किया गया। तय किया गया कि सूर्यास्त के पहले यात्रा को संपन्न करने का प्रयास किया जाएगा। देरी के कारण कई तरह की होने वाली असुविधा से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया। सांसद की बहन के साथ ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और आरएसएस के भी सदस्य बैठक में पहुंचे थे।
शहर के अलावा गांवों से भी निकलेगी पालकी
संस्कारधानी नगरी की पहचान बनती जा रही पालकी यात्रा को लेकर इस बार भी भक्तों में जोरदार उत्साह देखा जा रहा है। शिव की आस्था व श्रद्धा वाला पवित्र महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। पहले ही दिन सोमवार पड़ रहा है। महीने में कुल पांच सोमवार पड़ रहे हैं। हर सोमवार को शहर के अलग-अलग हिस्से से भक्तों द्वारा महाकाल की पालकी यात्रा निकाली जाएगी।
यहां से निकलेगी महाकाल यात्रा
22 जुलाई को नंदई हाट बाजार से
29 जुलाई क्लब चौक बसंतपुर से
5 अगस्त को पुराना ढाबा से
12 अगस्त को सिंगदई से
19 अगस्त को मां शीतला के द्वार से
डोंगरगढ़ में 27, खैरागढ़ में 3 अगस्त, 10 अगस्त को डोंगरगांव, 31 जुलाई को रानीतराई महाराजपुर से पालकी यात्रा निकाली जाएगी। मोतीपुर तथा ग्राम पेटेश्री, बोदेला के लोगों के विशेष आग्रह पर यहां से भी पालकी यात्रा निकाली जाएगी।
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