राज्यों को मिले कुल राजस्व का 50 फीसद हिस्सा 50 percent of the total revenue received by the states


छत्तीसगढ़।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र द्वारा एकत्रित राजस्व का 50% हिस्सा राज्यों को दिए जाने की मांग करते हुए आदिवासी बहुल राज्य होने के कारण प्रदेश को विशेष मदद दिए जाने की मांग की । छत्तीसगढ़ राज्य समिति की ओर से इस बैठक में शामिल एम के नंदी, धर्मराज महापात्र, एस सी भट्टाचार्य के प्रतिनिधिमंडल की ओर से वित्त आयोग के समक्ष निम्न सुझाव दिए ..
1- हमारी पार्टी की यह लंबे अरसे से मांग रही है कि राज्यों को कर राजस्व का 50 फीसद हिस्सा केंद्र द्वारा प्रदान किया जाना चाहिए।
2- छत्तीसगढ़ प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 45 फीसद हिस्सा वन आधारित है, राज्य की आबादी का लगभग 32 फीसद हिस्सा आदिवासियों व 15 प्रतिशत हिस्सा अनुसूचित जाति का है, आदिवासी क्षेत्रो का एक बड़ा हिस्सा संविधान के पाँचवी अनुसूची के अधीन है इस रोशनी मे राज्य को इन क्षेत्रो के विकास हेतु विशेष सहायता प्रदान करनी चाहिए ।
3- देश के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में से छत्तीसगढ़ प्रदेश से 10 सबसे पिछड़े जिले की पहचान की गई है, अतः इन जिलों के विकास हेतु राज्य को विशेष सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
4- कृषि क्षेत्र के गहराते संकट और उससे किसानो की बढ़ती अत्महत्या हम सबके लिए गहरे चिंता का विषय है अतः स्वामीनाथन समिति की सिफारिश के अनुरूप किसानों की उपज का समर्थन मूल्य सी 2 फार्मूला के तहत लागत का डेढ़ गुना घोषित किया जाय तथा इस आधार पर उपज की खरीद हेतु राज्य को पर्याप्त आर्थिक सहयोग दिया जाय।
5- वर्तमान आर्थिक संकुचन तथा अर्थव्यवस्था मे मांग के संकट की रोशनी मे कड़े राजकोषीय
नियंत्रण व संतुलन के नाम पर अंततः सामाजिक व जनहितकारी योजनाओ मे ही कटौती थोप दी जाती है जिससे संकट बढ़ता है मौजदा दौर के भीषण बेरोजगारी के समय इसलिए इस तथाकथित राजकोषीय नियंत्रण की बजाय सामाजिक व ढांचागत आधारभूत क्षेत्र में राज्य का सार्वजनिक निवेश बढ़ाया जाय तथा तथाकथित पीपीपी मॉडल और उसके जरिये सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण रोका जाये।
6- मनरेगा मे बजट आवंटन मे बढ़ोतरी की जाय व शहरी क्षेत्रो के लिए भी रोजगार गारंटी योजना का निर्माण करने की आवश्यकता है, अतः इस हेतु राज्यो को आर्थिक मदद प्रदान की जाय ।

7- छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रकृतिक सम्पदा से धनी प्रदेश है हमारे प्रकृतिक सम्पदा का दोहन तो किया जाता है किन्तु उसकी रायल्टी के उचित हिस्सा से प्रदेश वंचित है अत: रायल्टी का युक्तियुक्तकरण किया जाय तथा इस राशि का उपयोग संबधित क्षेत्रो व स्थानीय निवासियों के विकास के लिए किया जाय।

 

8- प्रदेश बारिश के अभाव मे भीसण सूखे की आशंका से ग्रस्त है यहां तक कि आगामी दिनों में पेयजल के गहरे संकट की भी संभावना है अत: इससे निपटने हेतु राज्य को पर्याप्त मदद की जाय। साथ ही प्रदेश मे बढ़ते शहरीकरण की रोशनी मे अधोसंरचना विकास के लिए स्थानीय निकायो को भी पर्याप्त आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाय। स्वास्थ एवं शिक्षा के क्षेत्र में अधोसंरचना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी समुचित व्यवस्था के लिए राज्य को विशेष आवंटन दिया जाय .
9- पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों के निर्धारण की वर्तमान बाजार आधारित प्रणाली मे बदलाव कर इसके कीमत निर्धारण का युक्तियूक्तकरण किया जाय।
10- नोटबंदी तथा उसके बाद जीएसटी के समुचित तैयारी के बिना क्रियान्वयन से राज्यों की अर्थव्यवस्था मे उसके पड़े ठोस प्रभावों का अध्ययन कर तदनुरूप राज्यों को उचित मदद दी जाय और जी एस टी में राज्य का बकाया हिस्सा का राज्य को तत्काल भुगतान किया जाय ।
11- आदिवासी व अनुसूचित जाति क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया जाय ।
धर्मराज महापात्र
सचिव मंडल सदस्य
माकपा, छत्तीसगढ़
9425205198


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