नईदिल्ली ।
दिल्ली में पिछले सप्ताह हुई वर्षा से जलभराव की समस्या के बाद दिल्ली सरकार ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी आदेश जारी कर दिया है। इसके लिए 15 अक्टूबर तक चलने वाला एक केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। प्रत्येक राजस्व जिले में एक समिति बनेगी। इनके काम पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज, लोक निर्माण मंत्री (पीडब्ल्यूडी) मंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को दी गई है। इससे विभागों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने और जरूरत के अनुसार कदम उठाने में मदद मिलेगी।
जलभराव की समस्या होने पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ने 28 जून को अधिकारियों के साथ बैठक कर नालों की शीघ्र सफाई करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि 15 जून तक नालों की सफाई का काम पूरा होने के साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा बाढ़ नियंत्रण से संबंधित आदेश जारी किया जाना चाहिए था, लेकिन यह लंबित है। उन्होंने इसे लेकर नाराजगी जताई थी। सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बाढ़ नियंत्रण को लेकर शीर्ष समिति की बैठक के बाद यह आदेश जारी होता है।माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के जेल में होने के काऱण इसमें देरी हुई है। चेतावनी के बाद भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोग समय रहते नहीं निकले थे। अधिकारियों को इन कमियों को दूर करने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष बाढ़ की चेतावनी और अन्य संबंधित जानकारी प्राप्त कर प्रत्येक दिन शाम को उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, आइएंडएफसी मंत्री, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त और सचिव (आइएंडएफसी) को बाढ़ की स्थिति की रिपोर्ट देगा। बाढ़ की चेतावनी और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को हटाने व राहत कार्य के लिए निर्देश जारी करेगा।
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