राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आतंकवादी मोहम्मद आरिफ की दया याचिका खारिज


नई दिल्ली।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को दिल्ली के लाल किले पर 24 साल पहले हुए हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ ​​अशफाक की दया याचिका खारिज कर दी। अधिकारियों ने 29 मई के राष्ट्रपति सचिवालय के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि 15 मई को प्राप्त आरिफ की दया याचिका 27 मई को खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लाल किले पर हमला भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा था। उसने कहा कि दोषी के पक्ष में कोई भी परिस्थितियाँ नहीं थीं। यह हमला 22 दिसंबर, 2000 को हुआ था।

हमले में लाल किले के अंदर तैनात 7 राजपूताना राइफल्स यूनिट के तीन सैन्यकर्मी मारे गए थे। हमले के चार दिन बाद आरिफ को गिरफ्तार किया गया था। वह एक पाकिस्तानी नागरिक है और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सदस्य है। उसे पहली बार सैन्यकर्मियों पर हमला करने की साजिश रचने का दोषी पाया गया था और अक्टूबर 2005 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने बाद की अपीलों में इस फैसले को बरकरार रखा। अरिद और लश्कर के तीन अन्य आतंकवादी 1999 में भारत में घुसे थे। उसने श्रीनगर के एक घर में लाल किले पर हमला करने की योजना बनाई थी। तीनों आतंकवादी – अबू शाद, अबू बिलाल और अबू हैदर – जो स्मारक में घुसे थे, अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *