गुरुकुल परंपरा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है : स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल


रायपुर ।

गुरुकुल परंपरा, शिक्षा का एक प्राचीन भारतीय दर्शन रहा है, जो ज्ञान और चरित्र निर्माण पर केंद्रित हैं। गुरुकुल परंपरा का उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदाय करना ही नहीं था, बल्कि छात्रों को आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का भी शिक्षा देना था। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली ने सदियों से ज्ञान का संरक्षण और प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह बात शिक्षा मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने आज महादेव घाट रोड स्थित मोतीपुर अमलीडीह में सहजानंद अंतरराष्ट्रीय गुरुकुल रायपुर छत्तीसगढ़ के नूतन गुरुकुल के भूमिपूजन के अवसर पर कही। अग्रवाल ने नूतन गुरूकुल का भूमिपूजन कर परिसर में वृक्षारोपण किया।

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमे शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने की आवश्यकता है। जिसमें गुरुकुल परंपरा अहम भूमिका निभायेगी। भारत की गुरुकुल प्रणाली शिक्षा और संस्कृति का एक अनूठा संगम रहा हैं। जिसके कारण विश्व में भारत की एक अलग पहचान है। गुरुकुल परंपरा से ही संस्कार, संस्कृति, शिष्टाचार, समाजिक जागरुकता, मौलिक व्यक्तित्व, बौद्धिक विकास जैसे अमूल्य गुणों को अपनी आने वाली पीढ़ियों को विरासत में दे सकते हैं।शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ वासियों के लिए सौभाग्य की बात है कि भारत की इस दिव्य विरासत जीवित रखने के लिए यहां गुरुकुल की स्थापना की जा रही है। उन्होंने इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए शास्त्री  घनश्याम प्रकाश दासजी एवं कृष्णवल्लभ दासजी के प्रति आभार प्रकट किया।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *