बलौदा बाजार के कलेक्टर ऑफिस में लगाई आग, जानिए आखिर क्यों भड़क उठा सतनामी समाज


छत्तीसगढ़
बलौदा बाजार।  छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में सोमवार सुबह से शुरू हुआ सतनामी समाज का प्रदर्शन शाम होते-होते उग्र रूप धारण कर लिया. हजारों की फोर्स, बैरिकेडिंग होने के बावजूद भी सतनामी समाज ने कलेक्टर ऑफिस में घुसकर जमकर तांडव मचाया.कलेक्टर से लेकर अन्य अधिकारियों तक की गाड़ियां फूंक दी, बिल्डिंग को आग के हवाले कर दिया. इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कलेक्टर ऑफिस धू-धूकर जलता हुआ दिख रहा है. वहीं पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई है, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं. आइए जानते हैं कि आखिर सतनामी समाज का शांतिपूर्वक चल रहा प्रदर्शन इतना उग्र कैसे हो गया?

बात बीते मई महीने की 15-16 तारीख की रात की है. सतनामी समाज के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि बलौदा बाजार के गिरौदपुरी में है. यहां असामाजिक तत्वों ने सतनामी समाज के आस्था के केंद्र ‘अमर गुफा’ में स्थित महकोनी मंदिर परिसर में रात को जमकर तांडव मचाया था. साथ ही पवित्र जैतखाम पर धारदार हथियार से हमला किया था. दूसरे दिन सतनामी समाज के लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में असामाजिक तत्वों के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने जांच के आदेश दिए थे

हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग खुश नहीं थे. वह इसकी CBI से जांच कराने की मांग कर रहे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने जांच के आदेश दिए थे. साथ ही कहा था कि प्रदेश में कहीं भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे कृत्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.उन्होंने अपने ‘X’ हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा था कि, “पवित्र अमर गुफा में 15-16 मई की दरम्यानी रात को पूज्य जैतखाम को क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई थी. CM विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली इस घटना की न्यायिक जांच करवाई जाएगी ।

18 मई को कलेक्टर-SP को सौंपा था ज्ञापन

गृहमंत्री के आश्वासन के बावजूद सतनामी समाज मामले में अन्य आरोपियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा था. बीते 18 मई को सतनामी समाज के लोगों ने SP और कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा था. कलेक्टर से मुलाकात के दौरान समाज के लोगों ने कहा था कि आस्था के केंद्र को क्षतिग्रस्त करने से सतनामी समाज आहत है. असामाजिक तत्वों की ओर से समाज को अपमानित करने का प्रयास किया गया है. मामले में जल्द CBI जांच होनी चाहिए।

CBI जांच की मांग पर अड़े थे सतनामी समाज के लोग

CBI जांच की आस में बैठे सतनामी समाज के लोगों ने जब देखा कि प्रशासन की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला, न ही जांच की सिफारिश की गई तो उन्होंने सोमवार यानि 10 जून को कलेक्टर ऑफिस के घेराव की घोषणा कर दी. समाज के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन भी चौकन्ना हो गया. आनन-फानन में हजारों की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई. कलेक्टर ऑफिस के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी गई, ताकि सतनामी समाज के लोग अंदर न घुसने पाएं, लेकिन पुलिस-प्रशासन की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं।

कलेक्टर ऑफिस को किया आग के हवाले

हाथ में सेफद झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहे सतनामी समाज के लोगों का गुस्सा शाम के समय फूट पड़ा. पहले तो उनकी पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई. फिर वे बैरिकेड़िंग तोड़ते हुए कलेक्टर ऑफिस में घुस गए. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो गई. समाज के युवाओं ने कलेक्टर, SP सहित अन्य अधिकारियों की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. गाड़ियां धू-धूकर जलने लगीं. उसके बाद सभी कलेक्टर ऑफिस में घुस गए और आगजनी करने लगे. इस दौरान वहां पर कर्मचारी भी थे. वो किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर भागे. फिलहाल स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया जा रहा है. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां कलेक्टर ऑफिस में लगी आग को बुझा रही हैं।

SP सदानंद ने दी घटना की जानकारी

वहीं आगजनी की घटना पर SP सदानंद ने कहा कि सतनामी समाज के द्वारा एक आंदोलन का आह्वान किया गया था और शांतिपूर्वक प्रदर्शन की बात कही गई थी, लेकिन उनके सभी लोगों ने उग्र होकर पुलिस के ऊपर भी पथराव किया और बैरिकेट्स को तोड़कर कलेक्टर परिसर के अंदर जाकर इन्होंने पथराव किया. साथ ही गाड़ियों में आग लगा दी. इन लोगों को लग रहा था कि इनके समाज के ऊपर अत्याचार हो रहा है. इसीलिए ये सभी लोग एकत्रित हुए. इस मामले में पहले ही मुख्यमंत्री के द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे, फिर भी इन लोगों ने ऐसी हरकत की है।


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