अपात्र हितग्राहियों की छटनी के लिए शुरू हो रही प्रक्रिया


कोरबा।

विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा की गई घोषणा अंतर्गत पात्र विवाहित महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मार्च से दिया जा रहा है। खबर के अनुसार कोरबा सहित प्रदेश भर में बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं भी योजना का लाभ प्राप्त कर रही है, जो पात्र हैं ही नहीं। शुरूआती स्तर पर इस बारे में चीजें सामने आयी हैं। कोरबा जिले में भी अब अपात्रों की छटनी की प्रक्रिया की जा रही है। प्रावधान के अंतर्गत ऐसे मामलों में भुगतान की गई राशि की वसूली भी करना है।

महतारी वंदन योजना का क्रियान्वयन सरकार ने महिला बाल विकास विभाग के समन्वय और प्रत्यक्ष निगरानी में कराया। इस कामकाज को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से रफ्तार दी गई। कोरबा जिले के शहरी क्षेत्र में 70 हजार महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हुई है, जबकि इससे अधिक ग्रामीण क्षेत्र में हैं। खबर के मुताबिक प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तरह इस मामले में यहां भी व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है और सरकार की हितग्राही केन्द्रीत योजना का अनुचित लाभ लेने को लेकर कई आवेदकों ने दिलचस्पी ली। इनमें ऐसे आवेदक भी शामिल है जो महतारी वंदन योजनाओं के लिए बनायी गई कंडिकाओं और शर्तों के दायरे में नहीं आती। पूरी जानकारी होने के बावजूद उन्होंने न केवल आवेदन किया बल्कि शुरूआती स्तर पर हड़बड़ाहट में प्रभावी ढंग से छानबीन नहीं होने पर आवेदन आगे बढ़ा दिए गए। ऐसे में देखा नहीं गया कि आवेदक योजना की पात्रता रखते भी है या नहीं।

और तो और कई मामलों में आवेदकों ने दो जगहों से आवेदन किये और हैरानी की बात यह रही कि डिजिटलाईजेशन की प्रक्रिया के बावजूद ऐसे आवेदन भी पता नहीं किस तरह मंजूर हो गए। और तो और ऐसे सभी मामलों में योजना की राशि अंतरित करना भी शुरू कर दिया। कुछ दिनों से इस प्रकार की खबरें आसपास से पहुंच रहीं थी, जिसके बाद सरकारी तंत्र हरकत में आया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ऐसे मामलों में जांच पड़ताल की गई तो चौकानें वाली चीजें सामने आयी। इसलिए अब कोरबा जिले में भी अपात्र आवेदकों के प्रकरणों की जांच के साथ उन्हें बोगस पाये जाने पर छांटने का काम किया जा रहा है। पहले ही सरकार कह चुकी है कि ऐसे प्रकरणों में योजना के अंतर्गत दी गई राशि को भी रिकव्हर किया जाएगा। यहां बताना उचित होगा कि अलग-अलग कारणों से पहले ही कई लाख आवेदनों को रद्द करने की कार्रवाई भी की जा चुकी है।


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