स्कूल शिक्षा विभाग में विसंगतियों को दूर करने गठित कार्यसमिति को लेकर विवाद शुरु


रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के भर्ती, पदोन्नति नियमों में व्याप्त विसंगतियों को करने के लिए एक कार्यसमिति का गठन किया। कार्यसमिति में आठ सदस्यीय समिति को नियमों को संशोधित करने के लिए 10 दिनों के भीतर नया प्रस्ताव तैयार विभागीय समिति को सौंपना है। समिति की पहली बैठक 3 जून को नया रायपुर स्थित लोक शिक्षण संचालनालय में आयोजित की गई है। कार्यसमिति का संयोजक सहायक संचालक प्रवीण श्रीवास्तव को बनाया गया है। भर्ती नियमों में विसंगतियों के चलते ज्यादातर मामलों में हजारों प्रकरध कोर्ट में लंबित हैं। राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों में लिपिक व अलिपिक वर्गीय सहित अधिकरियों एवं कर्मचारियों के वेतन विसंगति सहित कई बिंदुओं पर संशोधन रिपोर्ट तैयार किया जाना है।

गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा,सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 एवं राजपत्रित भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2013 में संशोधित करने से उत्पन्न व्यापक विसंगति को दूर करने के लिए एक समिति का गठन किया है। उक्त समिति में एल बी संवर्ग के किसी भी संगठन व सदस्यों शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया है जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल शिक्षा सेवा में कार्यरत 3 लाख से अधिक एल बी संवर्ग के समस्याओं का समाधान को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। उक्त समिति में एल बी संवर्ग का को भी शामिल कर व्यापक चर्चा एवं सुझावों को शामिल भर्ती एवं पदोन्नति को लेकर नियम में संशोधन प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए।


गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने मांग किया है कि एल बी संवर्ग के जितने भी शिक्षक को सिविलियन के बाद पक्ष जानने का अवसर नही मिला जिसके कारण विसंगतियों की भरमार हुई है। अत: इन संगठनों के पदाधिकारी के साथ एक बैठक कर उनकी समस्याओं से अवगत होना जरूरी है ताकि न्यायालय और एल बी संवर्ग की समस्याओं का निराकरण हो सके। गौरतलब है कि सहायक शिक्षक एलबी से शिक्षक, शिक्षक से व्याख्याता और व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए जो वरिष्ठता सूची का संधारण या प्रकाशन किया गया है। उसमें व्यापक विसंगति है स्थानांतरण, नियुक्ति तिथि के वरिष्ठता क्रम संविलियन सहित कई मुद्दों पर व्यापक विसंगति है और अभी तक इसका निराकरण नहीं हुआ है। इसके कारण न्यायालय में प्रकरण की बाढ़ आ गई है। ऐसी समस्याओं का समाधान के लिए एलबी सवर्ग के संगठन प्रमुख को भी कार्यसमिति में शामिल करके उनका सुझाव लिया जाना उचित होगा।


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