फर्जी पत्रकार से बेजा कब्ज़ा हटाने तहसीलदार ने दिया नोटिस तो रातों-रात लगाया जैतखाम

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शिवरीनारायण / छत्तीसगढ़ में लगातार सतनामी समाज की आस्था को ठेंस पहुंचाया जा रहा है। इसी कड़ी में शिवरीनारायण में एक बार फिर से सतनामी समाज को आक्रोशित करने के लिए मजबूर कर दिया गया है। यह मामला सरकारी जमीन पर कब्ज़ा से जुड़ा है। इस कब्जे में एक फर्जी पत्रकार शामिल है और उसका साथ देने वाले कथित तौर पर दलितों के लिए आवाज उठाने वाले संगठन भीम रेजिमेंट के लड़के सहित अन्य लोग शामिल है।

दरअसल, यह पूरा मामला शिवरीनारायण नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 15 स्थित शासकीय स्कूल से लगे सरकारी जमीन का है। इस पर हाल ही में एक कथित पत्रकार ओमप्रकाश कश्यप ने सरकारी जमीन पर अपना कब्ज़ा महीनों से कर रखा था। जब मामले की शिकायत हुई तो तहसीलदार ने ओमप्रकाश कश्यप को नोटिस तामिल किया तो उसने धौंस दिखाते हुए नोटिस लेने से इनकार कर दिया। इस बीच ओमप्रकाश को अहसास था कि प्रशासन कब्ज़ा हटाने की कार्यवाही कर सकती है। इसलिए उसने कार्यवाही से बचने के लिए भीम रेजिमेंट के लड़कों के साथ मिलकर रातों-रात सतनामी समाज के आस्था के प्रतिक जैतखाम की स्थापना बिना किसी समाजिक विधि के करवा दी।

 तहसीलदार द्वारा अवैध कब्ज़ा हटाने की कार्यवाही करना तय था, सो हुआ। तहसीलदार ने इस कार्यवाही के दौरान जैतखाम को छोड़ते हुए उसे नहीं हटाया। तहसीलदार की कार्यवाही ओमप्रकाश के सोच के विपरीत रही। ओमप्रकाश ने मामले को धार्मिक विवाद के रंग देने  फिर से भीम रेजिमेंट के लड़कों की मदद ली।  जानकारी के अनुसार ओमप्रकाश ने शिव कुमार यादव और संजू चौहान को शराब पिलाकर नशे में उनसे जैतखाम में लगे सफ़ेद झंडे को उतरवाकर भगवा झंडा लगा दिया। दुसरे दिन साजिश में शामिल भीम रेजिमेंट के लड़को ने मामले में कार्यवाही के लिए प्रदर्शन किया, इसके बाद ओमप्रकाश ने जैतखाम पर भगवा झंडा लगाने व तोड़ फोड़ की कूटरचित घटना को सोशल मीडिया में साझा किया गया। लोगों ने इस घटना को सच समझते हुए सोशल मीडिया सहित प्रत्यक्ष रूप से आक्रोश जाहिर किया।

बल्ली पर सफ़ेद कपड़ा लपेटकर जैतखाम नुमा ढांचा किया तैयार 

इस घटना की जानकारी मिलते ही समाजिक कार्यकर्ता संजीत बर्मन और सुरेद्र लहरे अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आस-पास के लोगों से बातचीत कर पुरे मामले की जानकारी लेते हुए तप्तिश की… तो पता लगा कि तहसीलदार के द्वारा अवैध कब्जे हटाने की कार्यवाही से दो दिन पूर्व ही ओमप्रकश कश्यप ने साथियों के साथ मिलकर अपने कब्जे की जमींन पर बल्ली पर कपड़ा लपेटकर जैतखाम नुमा ढांचा तैयार किया था। पता लगा कि इस साजिश में भीम रेजिमेंट के भी लड़के शामिल थे।

लोगों ने जब ओमप्रकाश और उसके साथियों की करतूत देखी तो सतनामी समाज के लोग ही इस मामले की शिकायत करने थाने पहुंच गए। इस पर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करने के बाद कथित पत्रकार ओमप्रकाश, भीम रेजिमेंट के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र रत्नाकर और उसके साथी जशवेंद्र खुंटे समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया हैं।

तीन आरोपीयों की गिरफ्तारी दो फ़रार

एसडीओपी यदुमणि सिदार ने बताया कि कब्जे की जमीन को बचाने के लिए ओमप्रकाश कश्यप ने अपने साथियों के साथ मिलकर धार्मिक विवाद पैदा करने की कोशिश की।  सतनामी सामज की ओर से शिकायतकर्ता सुरेंद्र लहरे  की  शिकायत पर आरोपी ओमप्रकाश कश्यप, सुरेंद्र रत्नाकर, जश्वेंद्र खूंटे एवं अन्य के खिलाफ  धारा 195-A,153-B,120-B, 504  के तहत मामल दर्ज किया गया है। जिसके बाद आरोपी ओमप्रकाश कश्यप, शिवशंकर यादव, संजू चौहान को गिरफ्तार किया गया है वही अन्य दो आरोपी सुरेंद्र रत्नाकर और जश्वेंद्र खूंटे फरार हैं, जिनकी तलाश की जारी है।

 


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