बारूद फैक्ट्री ब्लास्टः 12 JCB- चैन माउंटेन मशीन से हटाया जा रहा मलबा, NDRF-SDRF की टीम काम कर रही


बेमेतरा ।
बेमेतरा जिले के बोरसी-पिरदा गांव की एक्सप्लोसिव कंपनी में हुए ब्लास्ट में कितने लोग हताहत हुए हैं इसकी जानकारी दूसरे दिन भी सामने नहीं आ पाई है। स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में हादसा कैसे हुआ, कितने लोग मारे गए, कब तब रेस्क्यू पूरा होगा। ऐसे कई सवालों का जवाब ग्रामीण मांग रहे हैं। प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीणों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। बारूद फैक्ट्री के गेट के बाहर डटे ग्रामीणों में कोई अपने बेटे की जानकारी मांग रहा है तो कोई अपने पति की… कोई अपने भाई के बारे में जानने पहुंचा है, लेकिन अफसर सिर्फ इतना ही कह पा रहे हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। ऐसी भी सूचना मिली है कि विस्फोट की भयावह स्थिति और गैस रिसाव को देखते हुए सेना की विशेष तकनीकी टीम को भी बुलाया गया है।

बेमेतरा के एसपी रामकृष्ण साहू ने बताया कि 12 जेसीबी और चैन माउंटेन मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम काम कर रही है। दमकल गाड़ियां भी मौजूद है। कंपनी में काम करने वाले जो ग्रामीण लापता हैं उनके परिजनों को यहां बुलाया गया है। उनकी मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मलबा से डेड बॉडी निकले तो वे पहचान कर सके। पुलिस और प्रशासन की टीम मौजूद है। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कार्रवाई चल रही है। पारदर्शिता पूर्ण कार्रवाई चल रही है। इधर कलेक्टर रणबीर शर्मा ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।

बोरसी-पिरदा के स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में बड़ा धमाका होने के बाद ग्रामीण डर गए हैं। शनिवार को घटना स्थल पर डिप्टी सीएम अरुण साव, कैबिनेट मंत्री दयालदास बघेल भी पहुंचे। बेमेतरा और दुर्ग जिले की प्रशासनिक टीम मौके पर मौजूद है, लेकिन अब तक किसी ने हताहत लोगों की जानकारी नहीं दी है। रविवार सुबह से दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। 12 जेसीबी मशीनों और चैन माउनटेन मशीन से मलबा हटाया जा रहा है। NDRF-SDRF की टीमें काम कर रही है। गांव में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए कंपनी में भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

बारूद फैक्ट्री में हादसे के बाद जिला प्रशासन द्वारा अब तक सिर्फ इतना बताया गया है कि घायल 7 लोगों को रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बोरसी, पिरदा, हरदी, उफरा, भिंभौरी, गुधेली सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद है। सभी अपने परिजनों की जानकारी मांग रहे हैं। इधर सीएम विष्णुदेव साय ने हादसे में मरने वालों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं हादसे की दंडाधिकारी जांच भी की जाएगी।

राजनीतिक रसूख से चलती रही बारूद कंपनी
बोरसी गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि उनका बेटा और भाई कंपनी में काम करने गया है। मोबाइल फोन कर रहे हैं, लेकिन लग नहीं रहा है। सुबह से बाहर बैठे हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग सही जानकारी ही नहीं दे रहे हैं। मेरे जैसे कई परिवार के लोग यहां पहुंचे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी का कई बार विरोध भी हुआ। प्रशासन से शिकायत भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह बात भी सामने आई है कि स्पेशल ब्लास्ट कंपनी को दो साल पहले सुरक्षा मानकों के मामलों को लेकर सील किया था, लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण यह कंपनी चलती रही। यह कंपनी संजय चौधरी की है।

बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट हादसा है या लापरवाही
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बोरसी-पिरदा गांव में स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में शनिवार सुबह बड़ा धमाका हुआ। इस हादसे में 7 लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए रायपुर मेकाहारा भेजा गया है। इस धमाके के बाद मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल ब्लास्ट होने का कारण अज्ञात है। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ब्लास्ट इतना भीषण था कि कंपनी की बिल्डिंग धूल में धूल बनकर उड़ गया। जहां ब्लास्ट हुआ वह इलाका गड्ढे में तब्दील हो गया है। आसपास के 500 मीटर में मौजूद हर निर्माण खंडहर में बदल गया है। जब ब्लास्ट हुआ तब कंपनी में कितने कर्मचारी मौजूद थे, यह भी प्रशासन अब तक पता नहीं लगा पाया है। हादसे के बाद कंपनी के जिम्मेदार अफसर फरार हो गए हैं।


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