दिनाक 09.04.2024 को रात्रि अपने परिवार सहित सोयी थी। सुबह उसके परिवार वाले देखे तो नाबालिक बालिका घर में नहीं थी आसपास रिश्तेदारी में पता किये तो पता नहीं चला कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर ले गया है कि रिपोर्ट पर अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।अपहृत बालिका की पतासाजी किया गया जिसको दिनांक 12.05.2024 को विधि से संघर्षरत बाल अपचारी के कब्जे से बरामद किया गया ।
बालिका का महिला पुलिस अधिकारी से कथन कराया गया।विवेचना दौरान पाया गया कि अपहृता बालिका दिनांक 19.11.2023 को ग्राम पेंड्री मेले देखने गयी थी जंहा विधि से संघर्षरत बाल अपचारी मिला था। दोनो में जान पहचान होने से मोबाइल में बातचीत करता था। और प्रेमजाल में फंसाकर शादी करूंगा कहकर जबरजस्ती दैहिक शोषण किया। दिनांक09.04.2024 को रात्रि में अपने साथ अपने बुलेट मोटर सायकल में बैठाकर अपने घर लाया जहा पर उसके रिश्तेदार के द्वारा अपहृता को नाबालिक होने से घर छोड़ने कहने पर वह अपने साथ अपने अन्य रिश्तेदार देवेश कश्यप के घर में रखा था जहा इस बात को विधि से संघर्षरत बाल अपचारी के रिश्तेदार देवेश कश्यप, खगेश्वरी कश्यप, गंगोत्री कश्यप एंव हीरालाल कश्यप जानते थे। प्रकरण में धारा 366,368,376, 376 (2) (4) 34 भादवि 6 पास्को एक्ट जोड़ी गई ।
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