रायपुर।
महावीर जयंती के अवसर पर 21 अप्रैल को शहर में मांस-मटन की दुकानों के साथ ही पशुवध गृह बंद रखे जाएंगे. नगर निगम द्वारा इसकी सूचना मांसाहार विक्रेताओं को दे दी गई है.
महावीर जयंती, जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक खास पर्व है. यह हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तेरहवीं तिथि को मनाया जाता है. इस साल महावीर जयंती 21 अप्रैल को मनाई जा रही है
भगवान महावीर का इतिहास
भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में वैशाली (आज बिहार में) के क्षत्रिय राजघराने में हुआ था.उनका जन्म नाम वर्धमान था. वे बचपन से ही अध्यात्म और दर्शन में रुचि रखते थे. 30 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना घर त्याग कर तपस्या और आत्मज्ञान की खोज शुरू की. कई वर्षों की कठोर तपस्या के बाद उन्हें 527 ईसा पूर्व में ज्ञान प्राप्त हुआ और वे महावीर के नाम से जाने गए. भगवान महावीर ने अहिंसा, अपरिग्रह, सत्य, अस्तेय और ब्रह्मचर्य जैसे पंचशील सिद्धांतों का उपदेश दिया.
महावीर जयंती का महत्व
भगवान महावीर ने अहिंसा को जीवन का सर्वोच्च सिद्धांत माना. उन्होंने सभी जीवों के प्रति करुणा और प्रेम का संदेश दिया. महावीर जयंती अहिंसा के इस महान संदेश को याद दिलाती है और लोगों को सभी प्राणियों के प्रति दयालु होने के लिए प्रेरित करती है. भगवान महावीर ने आत्म-साक्षात्कार को ही जीवन का परम लक्ष्य माना है. उन्होंने पंच महाव्रतों (अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय) का पालन करके मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया. इसलिए यह दिन आत्म-साधना और आत्म-विकास के लिए प्रेरित करता है. भगवान महावीर ने समाज सुधारक के तौर पर विशेष भूमिका निभाई
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