मुंबई|
आर्टिकल 370′ का ट्रेलर देखने के बाद सबसे पहली बात दिमाग में यही आई थी कि सरकार के फैसलों की गाथा गाने वाली एक और फिल्म देखनी पड़ेगी! और ऐसा फील होने में अब दर्शकों की कोई खास गलती भी नहीं है, क्योंकि पिछले कुछ समय में इस तरह की इतनी फिल्में आ चुकी हैं कि बॉलीवुड खुद अपना एक ‘राजनीति शास्त्र विभाग’ बना सकता है.
खैर, भारी रिस्क के साथ फिल्म देखी गई और पाया गया कि अगर ‘पॉलिटिकल फैसले पर बेस्ड फिल्म’ वाली बात को थोड़ा साइड रखकर देखा जाए तो ‘आर्टिकल 370’ एंगेज करने में तो कामयाब होने वाली फिल्म है. प्रोड्यूसर आदित्य धर की ये फिल्म बिल्कुल उसी जोन में ऑपरेट करती है, जिसमें उनकी खुद की डायरेक्ट की हुई ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ थी. ‘आर्टिकल 370’ सरकार के एक ऐतिहासिक फैसले, उस फैसले को ग्राउंड पर लागू करने वाले लोगों, फैसले के पीछे की प्लानिंग-प्लॉटिंग और बिना किसी को कानोंकान खबर हुए उसके कामयाब होने को सेलिब्रेट करती है.
जैसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ खबरों में बहुत पॉपुलर चीज थी, मगर कैसे हुई, किस तरह हुई ये किसी को नहीं पता था. विक्की कौशल की ‘उरी’ आई और लोगों के इमेजिनेशन को वो तस्वीरें मिल गईं, जो खबरों में छपे शब्दों को रियलिटी की तरह दिखा रही थीं. हालांकि थी वो एक डायरेक्टर की इमेजिनेशन ही. इसी तरह ‘आर्टिकल 370’ भी ऑडियंस को एक और ‘ऐतिहासिक’ घटना के विजुअल्स देने का काम करती है.
बुरहान वानी की कहानी से शुरू होती कश्मीर की कहानी
यामी गौतम स्टारर इस फिल्म को डायरेक्टर आदित्य सुहास जांभले ने चैप्टर वाले स्टाइल में ट्रीट किया है. ये चैप्टर कश्मीर के बुरहान वानी एपिसोड से शुरू होते हैं और पुलवामा हमले से होते हुए आगे बढ़ते हैं. आखिरकार ये वहां पहुंचते हैं, जहां भारत सरकार का एक फैसला कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए तैयार है.
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