रायपुर।
राजधानी के तेलीबांधा थाना इलाके के अशोका बिरयानी सेंटर में हुए दो कर्मचारियों की संदिग्ध मौत के बाद और मीडियाकर्मियों से मारपीट और पुलिस की एक तरफ़ा कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने अपने तरफ से एक्शन लिया है और देर शाम अशोका बिरयानी सेंटर के कोटा ब्रांच, पचपेड़ी नाका ब्रांच और रायपुरा ब्रांच को स्वयं जाकर ताला लगाया है। इस मामलें में पुलिस को जांच करना चाहिए कि दोनों मृतकों की मौत जिस गटर में घुसने से हुई है उस गटर में ये दोनों को उसी दिन क्यों भेजा गया। सूत्रों से जानकारी आ रही है कि अशोका बिरयानी सेंटर के मजदूरों से बंधवा मजदूरी भी करवाई जाती है। जिसके चलते ये दोनों मृतक अशोका बिरयानी के काम को छोड़कर उस संस्था से अलग होने का फैसला ले रहे थे।
जब मृतकों में कोई भी स्वीपर का काम नहीं करता तो मृतकों को ही क्यों उस गटर की सफाई के लिए भेजा गया। पुलिस को इस मामलें में हत्या का एंगल जोड़कर कार्रवाई करनी चाहिए। जबकि पुलिस को अशोका बिरयानी सेंटर के सभी स्टाफ और मृतकों के परिजनों से अलग-अलग पूछताछ करनी चाहिए ताकि मामलें में जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके। अशोका बिरयानी सेंटर के बाहर रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोतीलाल साहू भी धरना देने पहुंचे है जिन्होंने अशोका बिरयानी सेंटर के सभी ब्रांच पर तत्काल ताला लगाने के आदेश दिए जिसके बाद तहसीलदारों की टीमों ने सभी ब्रांचों में जाकर अशोका बिरयानी में ताला लगाया है। मृतकों के परिजनों को अशोका बिरयानी के संचालक से एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है।
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