मोदी सरकार की विदाई की तिथि घोषित- कांग्रेस


रायपुर । मोदी सरकार की विदाई की तिथि घोषित हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जनता 7 चरणों में चरणबद्ध तरीके से पूरे देश से मोदी सरकार से विदा लेगी। मोदी की वादा खिलाफी का हिसाब करने को तैयार बैठी है। 10 साल पहले जनता से बड़े-बड़े वादा कर सरकार में आये नरेंद्र मोदी की सरकार हर मोर्चे में विफल साबित हुई। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी ने प्रदेश में आकर जनता से वादा किया था कि केंद्र में उनकी सरकार बनेगी तो सभी के खाते में 15-15 लाख रूपए आएंगे। बीते 10 साल से प्रदेश की जनता 15 लाख रूपए खाते में आने का इंतजार कर रही है, किस तारीख को पैसा जनता के खाते में ट्रांसफर होगा? दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा था, 10 साल में प्रदेश के 43 लाख युवाओं को रोजगार मिलना था जो अब तक केंद्र सरकार ने नहीं दिया है। वह रोजगार प्रदेश के युवाओं को कब मिलेगा तारीख बताने की कृपा करें? 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा किया गया था आज हालात यह है कि मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते बढ़ती महंगाई से जनता हताश और परेशान है। महंगाई से जनता को राहत किस तारीख को मिलेगी यह बता दे? 2023 भी निकल चुका है लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है? लोकसभा चुनाव में यह मुद्दे प्रभावी होंगे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में असफल और नकारा साबित हुई है। अभी हाल ही में देश भर में हुई सर्वे में एक बात सामने आई है कि मोदी सरकार की गलत नीतियों, रोजगार देने में असफलता, पेट्रोल, डीजल में मनमाना एक्साइज ड्यूटी, रेल यात्रा का महंगा होना, सड़कों पर टोल टैक्स के दरों में वृद्धि एवं आवश्यक वस्तुओं पर भी लगाई गई जीएसटी के चलते आम लोगों के आय एवं बचत घटी है और मुखिया को घर चलाने के लिए घर की आवश्यकताओं को पूर्ति करने के लिए 77 प्रतिशत तक के ऋण लेने पड़े है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार को कोई वास्ता नहीं।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के नेता बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी पर चर्चा करने से भाग रहे है। देश की जनता का महंगाई से बुरा हाल है। केंद्र में बैठी सरकार मात्र 2 लोग अडानी, अंबानी की आय बढ़ाने के लिये कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था डूबने की कगार पर है, बैंक डूब रहे है, एलआईसी डूब रहे है, सरकारी कंपनियां बिक रही है, आम लोगों के रोजगार छीने जा रहे हैं, महंगाई का प्रकोप घर-घर में दिख रहा है पर जवाब देने से बचने के लिए भाजपा का नेता धर्म से धर्म को लड़ा कर, जात से जात को लड़ा कर वैमनस्यता फैलाकर राजनीतिक रोटी सेक रहे है।

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