कृषि पंप कनेक्शन के साथ कैपेसिटर लगाने की अपील


 

रायपुर। गर्मी के मौसम में धान और चने की फसल में सिंचाई के लिये एक साथ कृषि पंप चलने से लोड बढ़ गया है। यह समस्या उन क्षेत्रों में गंभीर है जहां पंप कनेक्शनों का घनत्व ज़्यादा है।

डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज खरे ने बताया कि बेमेतरा इलाक़े में कृषि पंपों का घनत्व बहुत ज़्यादा हो गया है। प्रत्येक पंप की मोटर इंडक्टिव (क्वाइल से बना) लोड है। जब एक साथ बहुतायत में पंप चलते हैं तो पूरे सिस्टम का लोड असंतुलित होकर बहुत ज़्यादा इंडक्टिव हो जाता है और विद्युत प्रणाली का पॉवर फ़ैक्टर कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रांसफार्मर प्रणाली पर एक तरह की छद्म लोडिंग बढ़ जाती है और वोल्टेज कम हो जाता है।

इसके लिये ज़रूरी है कि राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप प्रयेक किसान अपने पंप पर कैपेसिटर लगाये।

इस समस्या के समाधान के लिये छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है जैसे ट्रांसफ़ॉर्मरों की क्षमता वृद्धि, सबस्टेशनों में कैपेसिटर बैंक की स्थापना। साथ ही किसानों से अपने कृषि पंप कनेक्शन में केपिसिटर लगाने की अपील की गई है।

दुर्ग जिले के नांदघाट क्षेत्र में ग्रामीणों व्दारा लो वोल्टेज की समस्या को लेकर जानकारी दी गई थी, जिसका निराकरण करने पॉवर कंपनी ने त्वरित प्रयास शुरू कर दिये हैं। कार्यपालक निदेशक (संचारण एवं संधारण) के नेतृत्व एक टीम आज बेमेतरा भेजी गई। टीम ने इस समस्या के निराकरण के लिये त्वरित कार्य आरंभ कर दिया है। क्षेत्र के फेल ट्रांसफ़ॉर्मर तुरंत बदले जाने की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि बेमेतरा के नाँदघाट इलाक़े में समस्या सबसे गंभीर है। साथ ही, पहली बार, सुबह के समय शाम से ज़्यादा लोड जा रहा है।

पॉवर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसल में प्रमुख रूप से धान लगाये जाने के कारण कृषि पंपों के माध्यम से खेतों में सिंचाई हेतु अधिक मात्रा में पानी के उपयोग होने से आकस्मिक रूप से विद्युत लाईनों एवं ट्रांसफार्मर पर अधिक भार आ गया है, जलस्तर नीचे जाने से पंप ज़्यादा लोड खींच रहे हैं। फलस्वरूप कुछ क्षेत्रों में लो-वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो गई है। अतः समस्त कृषकों से आग्रह है कि अपने स्थापित पंप के स्टार्टर के समीप कैपेसीटर स्थापित करें, ताकि कुछ सीमा तक लो-वोल्टेज की समस्या का निदान हो सके एवं पंप जलने की समस्या से बचा जा सके। यह प्रमाणित तकनीकी उपाय है और इससे समस्या तत्काल काफ़ी हद तक हल हो जाएगी।

पंप की क्षमता – केपिसिटर

0 से 3 एचपी तक- 1 केवीएआर
3 से 5 एचपी तक – 2 केवीएआर
5 से 7.50 एचपी तक- 3 केवीएआर
7.50 से 10 एचपी तक- 4 केवीएआर
10 एचपी से 15 एचपी तक- 5 केवीएआर


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