कटनी,
शासकीय महाविद्यालय विजयराघवगढ़ में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर अरुण कुमार सिंह का मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ सुमन पुरवार के सहयोग सराहनीय रहा। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को शीघ्र खाद के अंतर्गत 5 से 6 दिन में बनने वाली मटका खाद, जीवामृत खाद, घन जीवामृत तथा जैविक बीज उपचार के लिए बीजामृत को बनाने तथा फसलों में उपयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। गोमूत्र एवं नीम पत्ती और अकौआ धतूरा करंज सीताफल आदि पत्तियों से जैविक कीटनाशक बनाकर फसल की प्रारंभिक अवस्था से प्रति सप्ताह फसलों में छिड़काव करने से काटने वाले, कुतरने वाल,े रसचूशक एवं फल छेदक कीटों के नियंत्रण की तकनीकी जानकारी दी गई। टमाटर के जैविक उत्पादन के लिए जलवायु भूमि टमाटर की देसी एवं शंकर किस्में बीज की मात्रा बोनी का समय, बीज एवं कल्चर उपचार, नर्सरी एवं रोपाई, जैविक खाद सिंचाई, मिट्टी चढ़ाना व पौधों को सहारा देना खरपतवार नियंत्रण एकीकृत कीट एवं रोग नियंत्रण एवं फलों की तुड़ाई उपज एवं विपणन आदि का कृषि कार्य माला के अनुसार विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
Leave a Reply