शिवरीनारायण । 16 फरवरी 2024 / एक हफ्ते बाद नगर का ऐतिहासिक माघी मेला शुरू होने वाला है। लेकिन कलेक्टर के अब तक बैठक नहीं लेने से मेले की तैयारियां आगे नहीं बढ़ पा रही है। मेला ग्राउंड में लगने वाले माघी मेले के आयोजन लिए प्रतिवर्ष कलेक्टर मेला ग्राउंड सहित अन्य जगहों का निरीक्षण कर नगर पंचायत के सभागार में बैठक लेकर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हैं। जनप्रतिनिधि, व्यपारी व नगरवासी भी मेले के सम्बंध में अपनी राय देते हैं। जिसके बाद मेले की तैयारियां आगे बढ़ती हैं। सभी विभाग के अधिकरी अपने अपने विभाग के कार्यों को मेले के पूर्व पूरा करतें हैं।मेला शुरू होने में केवल 8 दिन ही शेष हैं। 24 फरवरी को माघी पूर्णिमा है। 23 फरवरी की शाम से प्रदेश सहित देशभर से लोग नगर पहुचेंगे। लेकिन इस वर्ष कलेक्टर ने अब तक माघी मेले को लेकर नगर में अधिकारी, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों व नगरवासियों बैठक नहीं ली है। हालांकि 7 फरवरी को एसडीएम ज्ञानेंद्र सिंह ठाकुर ने नगर पंचायत में बैठक ली थी। लेकिन उस बैठक में नगर पंचायत अधिकारी, जनप्रतिनिधि और पुलिस को छोडक़र अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित नहीं थे।जिससे माघी मेले की तैयारियां अधूरी नजर आ रहीं हैं। नगर पंचायत ने अपने स्तर में माघी मेले की तैयारी शुरू कर दी है। नगर पंचायत द्वारा मेला ग्राउंड सहित महानदी के घाटों की साफ सफाई कराई जा रही है। मेले में लगने वाले दुकानों के लिए नगर पंचायत में आवेदन लिए जा रहें हैं। बिजली व पानी की व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। मेला ग्राउंड में चूने की मार्किंग की जा रही है।नगर में माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक प्रदेश का माघी मेला लगता है। माघी पूर्णिमा के पहले दिन से 5 दिवसीय शिवरीनारायण मेला महोत्सव का आयोजन होता है। महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मेला महोत्सव के लिए प्रतिवर्ष शासन से 10 लाख रुपए राशि स्वीकृत की जाती है। जिससे महोत्सव समिति के सदस्य व जनप्रतिनिधि कार्यक्रम की रूपरेखा तय करते हैं। मेले को शुरू होने में मात्र एक हफ्ते का समय बचा है लेकिन अभी तक शासन से मेला महोत्सव की राशि स्वीकृत नहीं हुई है। जिससे मेला महोत्सव के आयोजन पर संशय बना हुआ है।क्षेत्र के लोगों का कहना है कि भाजपा की सरकार शिवरीनारायण मेले के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार करती है। राजिम मेले के लिए राज्य सरकार के पास लाखों रुपए का फंड रहता है लेकिन शिवरीनारायण मेले के लिए हमेशा फंड की कमी रहती है। राज्य सरकार राजिम मेले के प्रचार प्रसार के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लाखों रुपए खर्च करता है। लेकिन शिवरीनारायण मेले के लिए खर्च करना तो दूर मेला महोत्सव के लिए 10 लाख रुपए की शासकीय स्वीकृति के लिए जनप्रतिनिधियों व मेला महोत्सव समिति के सदस्यों को जिले से लेकर राजधानी तक दौड़ लगानी पड़ती है।
नगर में 24 फरवरी से माघी मेले की शुरुआत होगी। नगर पंचायत द्वारा आवेदन लेकर दुकानदारों को जगह आबंटित किए जाएंगे। मेला ग्राउंड में बाहर से विभिन्न दुकानें, झूले, मौत कुआ, मीना बाजार, टूरिंग टॉकीज वाले पहुंचने लगे हैं । दुकानदार नगर पंचायत द्वारा आबंटित जगहों पर अपनी दुकानें लगाएंगे।भाजपा सरकार में 2017 व 2018 में मेला महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था। कोरोना काल में 2021 व 2022 में मेले का आयोजन तो हुआ पर महोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया था। कांग्रेस सरकार में 2019, 2020 व 2023 में मेला महोत्सव का आयोजन हुआ था। फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। इस वर्ष भी मेला महोत्सव के लिए 10 लाख रुपए राशि की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। जिससे मेला महोत्सव के आयोजन पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।प्रतिवर्ष माघी मेले के आयोजन की तैयारियों को लेकर कलेक्टर द्वारा नगर पंचायत में बैठक लेकर मेले के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाते हैं जिसके बाद मेले की तैयारियां आगे बढ़ती हैं। अभी तक कलेक्टर ने नगर पंचायत में बैठक नहीं ली है। मेला महोत्सव के आयोजन के लिए महोत्सव समिति का गठन किया गया है। मेला महोत्सव के राशि की स्वीकृति के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया गया है। अभी तक राशि स्वीकृत नहीं हो पाई है। नगर पंचायत द्वारा माघी मेले के आयोजन की तैयारी की जा रही है।
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