जांजगीर-चांपा। 14 फरवरी 2024/ कुछ करने की ललक और मन में आत्मविश्वास हो तो हर मंजिल को पाना आसान हो जाता है, हालांकि इस कठिन राह पर चलने के लिए बहुत मेहनत भी करनी पड़ती है, लेकिन जब कड़ी मेहनत के साथ हौंसले बुलंद हो तो फिर हर परिस्थिति में कार्य करना आसान हो जाता है। ऐसी ही कड़ी मेहनत करने वाली पंकजनी ढीमर है, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से बैंक सखी के रूप में जुड़ी और 25 करोड़ की राशि का लेनदेन करते हुए पूरे जिले में उत्कृष्ट बैंक सखी का खिताब पाया। आज पंकजनी बैंक आपके द्वार की टैग लाइन को सही साबित करते हुए मील के पत्थर के रूप में स्थापित होकर कार्य कर रही हैं। उनकी इस कड़ी मेहनत की सराहना जाज्वल्य देव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला में स्टॉल भ्रमण के दौरान वित्त मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने भी की और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया। उनके इस कार्य की सराहना जिले के कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने भी की है।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) बिहान योजना के माध्यम से जनपद पंचायत अकलतरा के अंतर्गत मां जगदम्बा महिला संकुल संगठन पोड़ीदल्हा के ग्राम पंचायत खटोला में रहने वाली श्रीमती पंकजनी ढीमर श्री राम महिला स्व सहायता समूह से 2019 में जुड़ी। समूह से जुड़कर उन्होंने नियमित बैठक की और धीरे-धीरे समूह सक्रिय रूप से कार्य करने लगा। एक समय ऐसा आया जब पंकजनी बिहान योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा अकलतरा से जुड़ी। बिहान योजना के माध्यम से उन्हें बैंकिंग का काम करने के लिए लेपटाप प्रदान किया। यहां से उनके जीवन में बदलाव आया और बीसी सखी (कियोस्क शाखा) से गांव-गांव में जाकर बैंकिंग की सुविधाएं मुहैया कराने लगी। बैंकिंग सुविधा के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा की मौके पर ही जाकर मजदूरी भुगतान, समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं, बीमा योजना से लेकर गैस पर मिलने वाली सब्सिडी, जनधन खाता, टीवी रिचार्ज से लेकर मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल का भुगतान एवं अन्य सुविधाएं बैंक सखी के माध्यम देने लगी। बीसी सखी श्रीमती पंकजनी ढीमर बताती हैं कि इस कार्य से जुड़ने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, अधिकारियों के मार्गदर्शन में दिनोंदिन कड़ी मेहनत करते हुए इस मुकाम को हासिल किया। आज खटोला सहित पडरिया, परसाही बना, चंगोरी, अमलीपाली, पकरिया लटिया सहित आसपास के अन्य गांव में जाती है। प्रतिदिन एक गांव में पहुंचकर जरूरतमंदों को बैंकिंग की सुविधा प्रदान करती हैं। शासन की पहल पर चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी वह पूरी तत्परता के साथ ग्रामीणों को दिला रही हैं। उन्होंने गांव में 269 श्रम कार्ड, 389 आयुष्मान कार्ड भी बना चुकी है। उन्हांने अब तक बी सी सखी से जुड़कर 25 करोड़ रूपए की राशि जरूरतमंदों की नकद निकासी एवं जमा करने का कार्य किया, जिससे उन्हें शुरूआती एक साल तक मानदेय प्राप्त हुआ तो वहीं कमीशन के रूप में 2.5 लाख रूपए की आय भी प्राप्त हुई।
Leave a Reply